सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को नीट यूजी को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और एक अधिवक्ता के बीच तीखी बहस हुई। कोर्ट के मना करने के बाद भी सुनवाई के दौरान अपनी बात रखने पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकील को अदालत से बाहर निकालने की चेतावनी दी। इस पर आक्रोशित वकील खुद ही कोर्ट से बाहर चले गए। कुछ देर बार वापस लौटने पर वकील ने मुख्य न्यायाधीश के व्यवहार को अनुचित बताते हुए कहा कि मैं आपको माफ करता हूं।
न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुरक्षा बल को बुलाएं और वकील को कोर्ट से हटाएं। इस पर वकील ने कहा कि वह खुद ही कोर्ट से बाहर जा रहे हैं, लेकिन कोर्ट का व्यवहार गलत है। इस पर कोर्ट ने कहा कि चुप रहकर यहां बैठें। अगर वे कोर्ट से जाना चाहते हैं तो चले जाएं। यह उनकी पसंद है। जब वकील हुड्डा बहस कर रहे हैं तो वह बीच नहीं बोल सकते। इस पर नेदुम्परा ने कहा कि जब भी वे बोलना चाहते हैं, कोर्ट उनको रोक देती है। जबकि वह अदालत में सबसे वरिष्ठ वकील हैं।
इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने फिर नाराजगी जताई और कहा कि मैंने पिछले 24 साल से न्यायपालिका को देखा है। मैं किसी भी वकील को अदालत की प्रक्रिया तय करने नहीं दूंगा। इसके जवाब में वकील नेदुम्परा ने अदालत से बाहर जाते हुए कहा कि मैनें भी 1979 से न्यायपालिका को देखा है। इसके बाद वकील नेदुम्परा कोर्ट से बाहर चले गए।
कुछ देर बाद वह वापस लौटे। इसके बाद नेदुम्परा ने अपनी दलीलें रखीं और यह भी कहा, मेरा अपमान करने के लिए मैं कोर्ट को माफ करता हूं। इससे पहले भी नेदुम्परा ने आमतौर पर विनम्र रहने वाले सीजेआई चंद्रचूड़ को क्रोधित किया है। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी नेदुम्परा के आचरण की आलोचना करते हुए कहा, यह अवमाननापूर्ण है।