मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। रविवार शाम को प्रदर्शनकारियों ने मयांग इंफाल में भाजपा विधायक कोंगखाम राबिंद्रो के पैतृक घर पर तोड़फोड़ की। इस दौरान विधायक घर पर नहीं मिले। विधायक के पिता ने लोगों को समझाया। उन्होंने कहा कि वह जो भी संदेश होगा, अपने बेटे को दे देंगे। भीड़ राज्य में विकास के संबंध में भाजपा विधायक का रुख जानना चाहती थी। इससे पहले भीड़ ने इंफाल में विधायक के दूसरे घर पर हमला किया था और आग लगा दी थी।
मणिपुर में हालात लगातार नाजुक बने हुए हैं। सैन्य बलों के अभियान में कुकी-जो समुदाय के 10 विद्रोहियों के मारे जाने के बाद जिरिबाम में मैतेई समुदाय के छह लोगों की लाशें मिलने से पूरे राज्य में जबरदस्त तनाव है। बताया गया है कि आतंकियों की तरफ से मैतेई समुदाय की तीन महिलाओं और तीन बच्चों का एक कैंप से कथित तौर पर अपहरण करने के बाद इन्हें मौत के घाट उतार दिया गया था। इसके बाद से ही पूरे क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद समेत कई विधायकों और नेताओं के घरों को निशाना बनाया गया।
सीएम के पैतृक आवास पर भी हमले की हुई कोशिश
शनिवार रात को प्रदर्शनकारी इंफाल पूर्वी के लुवांगशांगबाम में सीएम एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास की ओर भी बढ़े थे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें 100-200 मीटर पहले ही रोक दिया। अधिकारियों ने बताया कि असम राइफल्स, बीएसएफ और राज्य बलों सहित सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाईं और सीएम के घर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश को नाकाम कर दिया। इसके बाद, प्रदर्शनकारियों ने बीरेन सिंह के घर की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर टायर जलाए और वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए लोहे की रोड बिछा दी थी।