बांग्लादेश के लगातार बिगड़े हालात पर AIMIM के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार के सुस्त रवैये पर जमकर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की डिप्लोमेसी देश की जगह लीडर पर आधारित है. उन्होंने विदेश नीति का मजाक बना दिया है. पीएम मोदी को बताना होगा कि वो शेख हसीना के साथ हैं या फिर वहां की जनता के साथ.
पड़ोसी मुल्क में तेजी से बदल रहे हालात को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने एक चैनल के साथ खास बातचीत में मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पीएम मोदी को बांग्लादेश के मुद्दे पर बयान देना चाहिए और बताएं कि वह किसके साथ हैं. आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में शुरू हुआ प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक होता चला गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए. प्रदर्शनकारियों के उग्र रूप को देखते हुए शेख हसीना ने कल सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और स्वदेश छोड़ते हुए भारत पहुंच गईं. हसीना यहां से कहां जाएंगी, इस बारे में स्थिति अभी साफ नहीं है. हालांकि उनके साथ भारत आए कई रिश्तेदार लंदन के लिए निकल गए.
भारत अपना रुख स्पष्ट करेः ओवैसी
भारत के रुख के बारे में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “पीएम मोदी यह क्यों नहीं कह रहे हैं कि हम बांग्लादेश की जनता के साथ हैं. आप हटाए गए नेता के साथ हैं या फिर जनता के साथ, यह बताना चाहिए.” क्या शेख हसीना को देश में संरक्षण नहीं देना चाहिए, से जुड़े सवाल पर ओवैसी ने कहा, “मेरा सवाल सरकार से है. कल को वहां पर चुनी हुई सरकार कहती है कि इनको भेजिए, इन पर हमें केस चलाना है. ऐसे में पीएम मोदी क्या करेंगे.”
उन्होंने कहा,”मोदी सरकार की जो नीति है, वो नेताओं पर आधारित है. जबकि विदेश नीति देश के आधार पर होती है. आपको नहीं मालूम है कि अफगानिस्तान में क्या हुआ. हमने हजारों लोगों को ट्रेंड किया. कहां हैं वो लोग. भारत आने को तड़प रहे हैं. भाग रहे हैं यहां से वहां. मालदीव और श्रीलंका में जो कुछ हुआ, उसका पता नहीं. म्यांमार में बहुत कुछ हो गया, लेकिन आपको पता नहीं. फिर आपको क्या पता है. ये क्या आपकी विदेश नीति है.”
अब आप लोग डीपी देखेंगेः ओवैसी
ओवैसी ने कहा, “वहां के कई दोस्त मुझे बता रहे थे कि शेख हसीना को जाना पड़ेगा. आज विदेश मंत्री एस जयशंकर सर्वदलीय बैठक में कह रहे हैं कि इस मामले में पाकिस्तान का हाथ हो सकता है. उनके डिप्लोमैट ने अपना डीपी चेंज किया है. अब आप लोग डीपी देखेंगे. ये कैसा मजाक है. आप लोगों को मालूम होना चाहिए कि यह हो रहा है. वो कहते हैं कि चीन और यूएस ने मिलकर किया है. वो कब से मिल गए. उन्होंने हमारी विदेश नीति का मजाक बनाकर रख दिया है. यह इस तरह से चलेगा?”
बांग्लादेश में हिंसक हालात से भारत के संभावित खतरे पर ओवैसी ने कहा कि यकीनन खतरा है. कौन इससे इनकार कर रहा है. लेकिन हमारे देश के पीएम जो मुस्कुराते हुए थकते नहीं हैं दुनिया के किसी देश के नेता को मिलते हुए. ये उनकी गलती है कि अपनी विदेश नीति को व्यक्तिगत आधार पर तय करते हैं. उन्होंने कहा, “अब तक कहना चाहिए था कि नेता आएंगे जाएंगे, लेकिन बांग्लादेश के साथ रिश्ते हमेशा अच्छा रहना चाहिए. अगर हम वहां पर अपनी मौजूदगी का एहसास नहीं कराएंगे तो वहां पर चीन और पाकिस्तान को इसका फायदा मिल जाएगा.”
बदलाव पर सरकार को बोलना चाहिएः ओवैसी
उन्होंने यह क्यों नहीं कहा कि हम बांग्लादेश की जनता के साथ हैं. कल को वहां की सरकार कहती है कि हमारे नेता को हमें वापस लौटाओ, तो हम क्या करेंगे.
पड़ोसी मुल्क में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार पर ओवैसी ने कहा कि हमें वहां की सरकार को बोलना चाहिए. बदलाव आने पर प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए था. अभी भी वहां के हालात पर वेट एंड वॉच की स्थिति बनी हुई है.