प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर बातचीत की। इस वार्ता की जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि उन्होंने अपने मित्र राष्ट्रपति मैक्रों के साथ उपयोगी चर्चा की। बातचीत के दौरान यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान पर विचार साझा किए गए और भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
मैक्रों ने साझा किया दृष्टिकोण
राष्ट्रपति मैक्रों ने भी एक्स पर पोस्ट कर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा में यूक्रेन युद्ध पर साझा दृष्टिकोण बनाने पर जोर दिया गया, ताकि यूरोप और यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें। उन्होंने कहा कि व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने और रणनीतिक साझेदारी को सशक्त बनाने पर सहमति जताई।
एआई शिखर सम्मेलन और बहुपक्षीय सहयोग
मैक्रों ने लिखा कि पेरिस में आयोजित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर कार्रवाई शिखर सम्मेलन के बाद अब दोनों देश 2026 में नई दिल्ली में होने वाले एआई समिट की सफलता के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही 2026 में फ्रांस की जी-7 अध्यक्षता और भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता को ध्यान में रखते हुए अधिक प्रभावी बहुपक्षीय सहयोग के लिए भी सहमति बनी है।
वैश्विक बैठकों और वार्ताओं का संदर्भ
गौरतलब है कि हाल ही में राष्ट्रपति मैक्रों उन यूरोपीय नेताओं में शामिल थे, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की बैठक के दौरान मौजूद रहे। यह मुलाकात अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुए शिखर संवाद के कुछ दिन बाद हुई थी।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया। राष्ट्रपति मैक्रों ने हाल ही में वाशिंगटन में हुई यूरोप, अमेरिका और यूक्रेन नेताओं की बैठकों पर अपने विचार साझा किए और गाजा की स्थिति पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने संघर्षों को शांति और स्थिरता की दिशा में ले जाने के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया।
इसके अलावा, दोनों देशों ने रक्षा, व्यापार, असैन्य परमाणु सहयोग, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की। नेताओं ने 2026 को “नवाचार वर्ष” के रूप में मनाने की प्रतिबद्धता जताई और भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को शीघ्र पूरा करने पर भी सहमति व्यक्त की। दोनों देशों के प्रमुखों ने सभी मुद्दों पर नियमित संवाद बनाए रखने पर सहमति जताई।