वक्फ बिल को लेकर प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति पर मुस्लिम लीग ने जताई नाराजगी

संसद में वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद, वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने असंतोष जाहिर किया है। केरल की जानी-मानी संस्था “समस्त केरल जेम-इय्यथुल उलमा” के मुखपत्र सुप्रभातम में प्रकाशित एक रिपोर्ट में लोकसभा सत्र के दौरान प्रियंका गांधी के मौजूद न होने को लेकर आलोचना की गई है। बुधवार को जब इस विधेयक पर चर्चा हो रही थी, उस समय उनकी गैरहाजिरी को लेकर सवाल उठाए गए हैं।

4 अप्रैल को प्रकाशित संपादकीय में वक्फ संशोधन बिल पर बहस के दौरान प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति को “काला धब्बा” कहा गया और यह सवाल उठाया गया कि जब बीजेपी विधेयक को आगे बढ़ा रही थी, तब प्रियंका गांधी कहां थीं? क्योंकि उनका मानना है कि यह विधेयक मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का हनन करता है.

राहुल गांधी पर भी सवाल, इंडिया गठबंधन को धन्यवाद

संपादकीय में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भी सवाल खड़े किए गए हैं, कहा कि वह इस बिल पर क्यों नहीं बोले, जो दावा करते है कि यह बिल देश की एकता को प्रभावित करती है. संपादकीय में कांग्रेस, टीएमसी और वाम दलों सहित विपक्षी दलों को इंडिया गठबंधन के तहत संसद में बिल के खिलाफ उनके सामूहिक रुख के लिए धन्यवाद दिया.

कांग्रेस सांसद ने वक्फ बिल को बताया असंवैधानिक

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने वक्फ विधेयक को असंवैधानिक और अनुचित बताया. उन्होंने कहा कि “हम मानते हैं कि यह एक संवैधानिक समस्या है और यह विधेयक असंवैधानिक और अनुचित है. यह लक्षित कानून है. दोनों सदनों में बहस बहुत अच्छी रही. हम सरकार से असहमत थे. यह जानते हुए भी कि आने वाले दिनों में विधेयक के साथ कई मुद्दे होंगे, सरकार इसे पारित करने पर अडिग थी. विपक्ष ने एकजुट होकर लड़ाई लड़ी.

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 हुआ पारित

संसद ने गहमागहमी भरी लगातार बहस के बाद शुक्रवार की सुबह वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पारित कर दिया. विधेयक पारित करने के लिए राज्यसभा आधी रात से ज्यादा तक चलती रही. सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हां में 128 और नहीं में 95, अनुपस्थित शून्य के साथ यह विधेयक पारित हो गया है.

क्या है वक्फ विधेयक 2025 का उद्देश्य

इस विधेयक का उद्देश्य 1995 के अधिनियम में संशोधन करके भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार करना है. इस विधेयक का उद्देश्य पिछले अधिनियम की कमियों को दूर करना और वक्फ बोर्डों की कार्यकुशलता को बढ़ाना, पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करना और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका को बढ़ाना है.

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