केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर हमला बोला। नड्डा ने संसद में उपराष्ट्रपति की नकल करने के लिए सांसदों को उकसाने पर राहुल गांधी को कॉलेज का लकड़ा बताया। साथ ही उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के खरगे के कदम की निंदा की।
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि भारत में उपराष्ट्रपति का पद सांविधानिक है। संसद में उनकी नकल की जा रही है और राहुल गांधी इसका वीडियो बनाते हुए सांसदों को ऐसा करने के लिए उकसा रहे हैं। यह सब देखकर मुझे तो अपने कॉलेज के दिनों की याद आ गई। जब विपक्ष और सत्ताधारी दलों के छात्र ऐसा व्यवहार करते थे। राहुल गांधी ने भी कॉलेज के लकड़े की तरह व्यवहार किया। उनका नकल करना पूरी तरह से उनकी अपरिपक्वता को दर्शाता है। कांग्रेस और सोनिया गांधी ने इसके खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा।
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने कई बार लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित किया है। कांग्रेस मुद्दों को टालना और भटकाना चाहती है। इससे देश के लोग काफी परेशान हैं। जॉर्ज सोरोस नाम का व्यक्ति देश की स्थिरता को प्रभावित करना चाहता है। देश जानना चाहता है कि जॉर्ज सोरोस और सोनिया के गांधी के बीच क्या संबंध हैं? हम जनता के बीच जाएंगे और इस मुद्दे को उठाएंगे।
इसके बाद नड्डा ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर खरगे की आलोचना की। जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा के सभापति पर आरोप लगाए। मल्लिकार्जुन खरगे बहुत वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें यह जानकारी होनी चाहिए कि सभापति का फैसला अंतिम और निर्विवाद होता है। इस तरह के आरोप लगाना निंदनीय है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
नड्डा ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे को संसद में बोलने के लिए कई मौके दिए गए हैं, लेकिन उन्होंने ऑन रिकॉर्ड कहा है कि वह नहीं बोलेंगे। उन्हें बोलने के लिए चैंबर में भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इससे पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी का मकसद सदन में सहयोग नहीं करना है। कांग्रेस संसद के कामकाज में व्यवधान पैदा करना चाहती है। इंडिया गठबंधन ने 10 दिसंबर को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता को बोलने नहीं दिया गया: जयराम रमेश
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि आज भी हमने देखा कि राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की क्या जरूरत थी? राज्यसभा में विपक्ष के नेता को संसद में बोलने नहीं दिया गया। यह विपक्ष के नेता और कांग्रेस पार्टी का अपमान है। जब विपक्ष संसद में कोई मुद्दा उठाता है, तो राज्यसभा के सभापति कहते हैं कि कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं जाएगा, लेकिन जब सत्ता पक्ष कोई मुद्दा उठाता है तो वह रिकॉर्ड पर चला जाता है। सत्ता पक्ष के सांसदों को संसद में बोलने का मौका दिया जाता है। हम इसकी निंदा करते हैं। वे अदाणी मुद्दे से ध्यान हटाना चाहते हैं... वे जॉर्ज सोरोस के बारे में निराधार टिप्पणी कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि संसद चले।