आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर दलित बस्तियों में मंदिर निर्माण के लिए तिरुपति मंदिर (टीटीडी) के बजट का इस्तेमाल करने को लेकर कड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि नायडू ने आरएसएस की विचारधारा को अपना लिया है और टीटीडी के धन का उपयोग मंदिर बनाने के बजाय दलित बस्तियों के बुनियादी ढांचे और विकास में किया जाना चाहिए।
विजयवाड़ा के अजित सिंह नगर में आयोजित सभा में शर्मिला ने पूछा कि नायडू टीटीडी के अतिरिक्त फंड का उपयोग दलित बस्तियों के विकास के लिए क्यों नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कल्याण छात्रावास की 200 छात्राएं एक ही शौचालय का उपयोग करने के लिए मजबूर हैं और इस तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
शर्मिला ने सवाल उठाया कि यदि दलित बस्तियों में मंदिर बनाए जाते हैं तो उनमें पुजारी कौन होंगे—ब्राह्मण या दलित? उन्होंने कहा कि टीटीडी एक पवित्र संस्था है, लेकिन मंदिर निर्माण के माध्यम से आरएसएस की विचारधारा लागू करना संविधान के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि नायडू ने भाजपा और आरएसएस के दक्षिणपंथी एजेंडे को स्वीकार किया है।
शर्मिला ने जोर देकर कहा कि भारत सभी धर्मों का संगम है, फिर भी नायडू की नीतियां केवल हिंदुओं को प्राथमिकता देती हैं और अन्य समुदायों को हाशिए पर रखती हैं। उन्होंने मांग की कि एनडीए सरकार दलित बस्तियों में मंदिर निर्माण का निर्णय वापस ले और उनकी स्वच्छता, शिक्षा और विकास पर ध्यान केंद्रित करे।