नई दिल्ली। आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची को अद्यतन और शुद्ध करने के लिए चुनाव आयोग ने देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की तैयारी तेज कर दी है। इस संबंध में आयोग के शीर्ष अधिकारी हाल ही में राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना पर चर्चा की।

बैठक का मकसद
बैठक में चर्चा का मुख्य उद्देश्य पुराने और गलत रिकॉर्ड को हटाकर मतदाता सूची को साफ और सटीक बनाना था। विशेष ध्यान अवैध विदेशी प्रवासियों के नामों की पहचान और उन्हें सूची से हटाने पर दिया जाएगा। आयोग इस बार इस अभियान को चरणबद्ध तरीके से लागू करने पर विचार कर रहा है।

पहले किन राज्यों में चलेगा अभियान
चुनाव आयोग ने तय किया है कि 2026 में विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में SIR को पहले लागू किया जाएगा। इनमें असम, केरल, पुद्दुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। कुछ अन्य राज्यों को भी पहले चरण में शामिल किए जाने की संभावना है। वहीं, जिन राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं या जल्द होने वाले हैं, वहां इस प्रक्रिया को बाद में शुरू किया जाएगा ताकि चुनावी मशीनरी पर दबाव न पड़े।

पुरानी सूची बनेगी आधार
हर राज्य में पिछली बार हुई SIR या गहन पुनरीक्षण की सूची इस बार की योजना का आधार होगी। उदाहरण के लिए, बिहार में अंतिम SIR 2003 में हुई थी और 30 सितंबर को 7.42 करोड़ मतदाताओं की नवीनतम सूची प्रकाशित की गई। दिल्ली में आखिरी गहन पुनरीक्षण 2008 में हुआ था, जबकि उत्तराखंड में 2006 में। अधिकांश अन्य राज्यों में 2002 से 2004 के बीच SIR संपन्न हुआ था। अब लगभग सभी राज्यों ने मौजूदा मतदाताओं को पुरानी सूची से मिलान कर लिया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त का बयान
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि पूरे देश में SIR को लागू करने की तैयारी चल रही है। आयोग के तीनों आयुक्त जल्द ही प्रत्येक राज्य के लिए अभियान की तिथियां तय करेंगे। सितंबर में ही सभी राज्यों से SIR के लिए तैयार रहने को कहा गया था। लक्ष्य है कि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले सभी राज्यों की मतदाता सूची पूरी तरह अपडेट हो जाए।