राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के चयन की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपी है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को जानकारी दी कि यह निर्णय राजग की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया।
बैठक संसद भवन परिसर में आयोजित की गई, जिसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, जदयू के ललन सिंह, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, तेलुगू देशम पार्टी के लवू श्रीकृष्ण देवरायलु और लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान सहित कई सहयोगी दलों के प्रमुख नेता मौजूद थे। बैठक की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ने की।
इन दो नामों पर हो चुकी है चर्चा
सूत्रों के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए भाजपा के भीतर दो नामों पर प्रारंभिक मंथन हुआ है। इनमें गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के नाम शामिल हैं। देवव्रत वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की जातीय पृष्ठभूमि से आते हैं, जबकि संतोष गंगवार उत्तर प्रदेश के बरेली से कई बार सांसद रहे हैं और कुर्मी समुदाय से हैं। हालांकि हाल के लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया था।
उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद शुरू हुई प्रक्रिया
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने पत्र में संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का हवाला देते हुए कहा कि वह चिकित्सकीय सलाह का पालन करते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया, जिसके अनुसार नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 21 अगस्त तय की गई है। मतदान और मतगणना दोनों 9 सितंबर को होंगे।
विपक्ष की रणनीति पर भी नजर
उम्मीद जताई जा रही है कि विपक्षी दल भी आगामी दिनों में मिलकर अपने उम्मीदवार के नाम पर विचार करेंगे। निर्वाचन आयोग ने चुनाव के लिए दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – के संयुक्त निर्वाचक मंडल की अंतिम सूची जारी कर दी है। यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत एकल संक्रमणीय मत प्रणाली से और गुप्त मतदान द्वारा होता है।
सदनों में संख्या बल किसके पक्ष में
वर्तमान में लोकसभा की 543 में से एक सीट बशीरहाट खाली है, वहीं राज्यसभा की 245 में से पांच सीटें रिक्त हैं। इनमें से चार सीटें जम्मू-कश्मीर से और एक पंजाब से हैं, जो हाल ही में आम आदमी पार्टी के संजीव अरोड़ा के इस्तीफे से खाली हुई है। इस प्रकार प्रभावी रूप से कुल 782 सांसद मतदान के पात्र होंगे और विजयी उम्मीदवार को न्यूनतम 391 वोटों की आवश्यकता होगी। इस गणित के आधार पर राजग को स्पष्ट बढ़त हासिल है।