संसद का बजट सत्र बुधवार से शुरू हो गया। इसके साथ ही संसद भवन में नई परंपरा भी शुरू की गई है। दरअसल, पहली बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजदंड ‘सेंगोल’ के साथ संसद भवन में प्रवेश किया। इस दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति मुर्मू छह घोड़ों की बग्गी में सवार होकर अपने अंगरक्षकों के साथ संसद भवन पहुंचीं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओमर बिरला ने संसद भवन के गज द्वार पर उनका स्वागत किया। इसके बाद पारंपरिक वेशभूषा पहने एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी राजीव शर्मा ने सेंगोल का नेतृत्व किया। उनके साथ सभी लोकसभा कक्ष की ओर बढ़े।
सदन में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य बैठे हुए थे। राष्ट्रपति ने जैसे ही सदन में प्रवेश किया, संगीतकारों के एक समूह ने ‘हथरोई’ की धुन बजाई। राष्ट्रपति ने ‘भारत माता की जय’, ‘जय श्री राम’, ‘जय सिया राम’ और ‘जय जगन्नाथ’ के नारों के बीच चैंबर में अपनी सीट ग्रहण की। राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान सेंगोल को उनकी मेज के सामने रखा गया था। इसे बाद में लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के बगल में स्थापित किया गया।
इस दौरान ब्राजील, मिस्र, मालदीव और नेपाल के राजदूत और ब्रिटेन के उच्चायुक्त सहित 58 राजनयिक मौजूद थे। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की मौजूदगी इसलिए कम नजर आ रही है, क्योंकि लोकसभा कक्ष 888 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाला है। इसलिए, सीटें खाली नजर आ रही हैं।
राष्ट्रपति के 75 मिनट के अभिभाषण के दौरान सदस्यों ने लगातार तालियां बजाईं और मेजें थपथपाईं। सबसे जोरदार तालियां तब बजीं, जब राष्ट्रपति ने महिला आरक्षण विधेयक पारित होने और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का जिक्र किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सदियों के इंतजार के बाद अयोध्या में रामलला अब भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं। इसके बाद लोकसभा कक्ष जय श्री राम और जय सिया राम के नारों से गूंज उठा।
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रसिद्ध उड़िया कवि उत्कलमणि गोपालबंधु दास की कविताओं का भी जिक्र किया। सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों ने नियमित अंतर पर उनकी सराहना की। जबकि, विपक्षी सदस्यों ने चुपचाप अभिभाषण सुना। हालांकि, कांग्रेस सदस्य टीएन प्रतापन ने मणिपुर हिंसा का जिक्र किया। पहली पंक्ति में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे, संसद में कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आदि बैठे थे।