राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से कथित संबंधों के आधार पर की गई 17 संपत्तियों और एक बैंक खाते की कुर्की को निरस्त कर दिया है। इन संपत्तियों में कई ट्रस्ट और व्यक्तिगत स्वामित्व वाली संपत्तियां शामिल थीं। इससे पहले जून 2024 में भी कोर्ट ने PFI से जुड़े माने गए 10 ट्रस्टों और व्यक्तियों की संपत्तियों की कुर्की रद्द की थी।
एनआईए ने PFI पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने और वर्ष 2022 में केरल के पलक्कड़ में आरएसएस नेता श्रीनिवासन की हत्या से जुड़े मामले में आरोप लगाए थे। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि संगठन पेरियार घाटी परिसर और वल्लुवनाड हाउस में अपने सदस्यों को हथियारों और शारीरिक प्रशिक्षण देता था। इसी आधार पर कई ट्रस्टों और व्यक्तियों की संपत्तियां जब्त की गई थीं।
कोर्ट ने जिन संपत्तियों की कुर्की रद्द की है, उनमें त्रिवेंद्रम एजुकेशन ट्रस्ट, हरिथम फाउंडेशन (पूवंचिरा), पेरियार वैली चैरिटेबल ट्रस्ट (अलुवा), वल्लुवनाड ट्रस्ट (पलक्कड़), चंद्रगिरी चैरिटेबल ट्रस्ट (कासरगोड) और नई दिल्ली स्थित सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) का बैंक खाता शामिल है। अदालत ने पाया कि इन ट्रस्टों और मालिकों का सीधे तौर पर PFI की आपराधिक गतिविधियों से जुड़ाव साबित नहीं हो पाया।
आवेदकों के वकील पी.सी. नौशाद ने बताया कि अदालत ने कुल 17 कुर्कियों को रद्द किया है। उन्होंने कहा कि एनआईए ने दिल्ली स्थित एसडीपीआई के बैंक खाते को जब्त कर लिया था क्योंकि उससे पीएफआई मामले के एक आरोपी को धनराशि भेजी गई थी। अदालत के सामने यह दलील दी गई कि संबंधित व्यक्ति एक चालक था और उसे नियमित वेतन दिया जाता था, जिसे किसी आपराधिक गतिविधि से नहीं जोड़ा जा सकता।
गौरतलब है कि एनआईए अब तक इस मामले में 63 व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। वहीं, कोर्ट के ताज़ा आदेश के बाद प्रभावित ट्रस्ट और संपत्ति मालिक अब प्राधिकारियों से संपर्क कर अपनी संपत्तियों को मुक्त कराने की प्रक्रिया आगे बढ़ा रहे हैं।