‘सरकारी संपत्ति तोड़ने का अधिकार नहीं, निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी’: ओम बिरला

मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा—में विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया। लोकसभा में विपक्ष का रुख आक्रामक होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने नाराजगी जताई और आगाह किया कि यदि यह रवैया जारी रहा तो उन्हें कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी।

प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंच गए और एसआईआर सहित कई मुद्दों पर विरोध दर्ज कराया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “यदि आप उसी ऊर्जा से प्रश्न पूछें, जितनी ताकत से नारे लगा रहे हैं, तो यह देश के नागरिकों के लिए अधिक लाभकारी होगा। जनता ने आपको सदन में संपत्ति नष्ट करने के लिए नहीं भेजा है।”

बिरला ने आगे कहा कि यदि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हुई तो उन्हें सख्त निर्णय लेने होंगे और पूरा देश इसे देखेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि विभिन्न विधानसभाओं में इस तरह की घटनाओं पर सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। अंत में उन्होंने विपक्ष को पुनः चेतावनी दी कि सदन की संपत्ति को क्षति पहुंचाने का प्रयास न करें।

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