कर्नाटक के 70वें राज्योत्सव के अवसर पर राज्य के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने एक अहम घोषणा करते हुए कहा कि अब राज्य के सभी सरकारी और निजी संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज के साथ कर्नाटक का ध्वज भी फहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पहल राज्य की सांस्कृतिक एकता और परंपरा को सम्मान देने के उद्देश्य से की जा रही है।
शिवकुमार ने कहा, “कर्नाटक एक ऐसा राज्य है जो हर समुदाय और पृष्ठभूमि के लोगों को अपनाता है। यहां की सबसे बड़ी ताकत इसकी संस्कृति, परंपरा और विविधता में एकता है। हमारी माता भुवनेश्वरी सबका स्वागत करती हैं। राज्य की नदियां, संसाधन और रोजगार अवसर इसे सबका घर बनाते हैं। इसी भावना को सशक्त करने के लिए हर कार्यालय में कर्नाटक का ध्वज फहराया जाएगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि अगले वर्ष से राज्यभर में “कन्नड़ ध्वज अभियान” चलाया जाएगा, जिसके तहत एक माह तक सभी सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों में कन्नड़ ध्वज फहराने की पहल की जाएगी, ताकि लोग अपनी सांस्कृतिक जड़ों से और गहराई से जुड़ सकें।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक राज्योत्सव के अवसर पर नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि कन्नड़ अस्मिता और एकता का प्रतीक दिन है। उन्होंने कहा, “राज्योत्सव हमें उन लाखों लोगों के परिश्रम और बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने एकीकृत कन्नड़ राज्य के निर्माण के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य किया। जो लोग अन्य राज्यों या देशों से आकर यहां बस गए हैं, वे भी अब इस राज्य का हिस्सा हैं। आइए, सब मिलकर कन्नड़ भाषा के उपयोग और संरक्षण का संकल्प लें।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है कि सभी सरकारी कार्यालयों, दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के नामपट्टों में कम से कम 60% कन्नड़ भाषा का उपयोग अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा, “हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए, लेकिन अपनी मातृभाषा कन्नड़ से प्रेम करना हमारा दायित्व है।”
इस निर्णय को राज्य की सांस्कृतिक पहचान और भाषा संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।