भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आधुनिक युद्ध तेजी से संपर्क रहित होते जा रहे हैं, इसलिए अब केवल सैन्य शक्ति ही नहीं, बल्कि बौद्धिक क्षमता और नैतिक तैयारी भी उतनी ही आवश्यक है। वे शुक्रवार को मानेकशॉ केंद्र में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

जनरल द्विवेदी ने कहा कि युवाओं को देश की सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए — चाहे वह थिंक टैंक, प्रयोगशालाएं हों या युद्धक्षेत्र। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को तकनीकी, सामरिक और रणनीतिक दृष्टि से देश की रक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में योगदान देना होगा।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी सेना अधिकारियों, रक्षा विशेषज्ञों और छात्रों को संबोधित किया। यह आयोजन थिंक-टैंक सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (CLAWS) की ओर से ‘चाणक्य डिफेंस डायलॉग: यंग लीडर्स फोरम’ के तहत किया गया था।

कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी सहित कई रक्षा विशेषज्ञ मौजूद रहे। इस दौरान यह घोषणा की गई कि आगामी चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 का आयोजन 27 और 28 नवंबर को होगा, जिसका विषय रहेगा — ‘सुधार से बदलाव: सशक्त और सुरक्षित भारत’