नई दिल्ली। सरकारी स्वामित्व वाली बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी देश में विभिन्न राज्यों में नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। इन संयंत्रों की क्षमता 700 मेगावाट, 1,000 मेगावाट और 1,600 मेगावाट होगी।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनटीपीसी का लक्ष्य 2047 तक भारत की प्रस्तावित 100 गीगावाट परमाणु क्षमता में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी (30 गीगावाट) हासिल करना है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि एक गीगावाट क्षमता वाले परमाणु संयंत्र के लिए 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये का निवेश आवश्यक होगा और इसके निर्माण में आमतौर पर कम से कम तीन साल लगते हैं।
संभावित राज्यों में भूमि का मूल्यांकन
एनटीपीसी वर्तमान में गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश में संयंत्र के लिए भूमि विकल्पों का मूल्यांकन कर रही है। अधिकारी ने कहा, "एनटीपीसी परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) द्वारा अनुमोदित राज्यों में ही परियोजनाओं को लागू करेगी। एईआरबी स्थल अनुमोदन के बाद ही निर्माण कार्य शुरू होगा।"
यूरेनियम भंडारों का अधिग्रहण
परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल की उपलब्धता को लेकर भी कंपनी सक्रिय हो गई है। एनटीपीसी ने यूरेनियम परिसंपत्तियों के अधिग्रहण की संभावनाओं का अध्ययन शुरू कर दिया है। इसके लिए यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (UCIL) के साथ तकनीकी जांच और सहयोग के लिए समझौता किया गया है। यूरेनियम रिएक्टरों का मुख्य ईंधन है।
तकनीकी पहलू
तकनीक के मोर्चे पर, एनटीपीसी छोटे और मीडियम रिएक्टरों (700 मेगावाट और 1,000 मेगावाट) के लिए देशी प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर (PHWR) का उपयोग करेगी। जबकि 1,600 मेगावाट संयंत्रों के लिए कंपनी विदेशी तकनीकी सहयोग पर विचार कर रही है।
एनटीपीसी की ऊर्जा विविधता
1975 में स्थापित एनटीपीसी ने अब तक कोयला, गैस, जलविद्युत और सौर ऊर्जा में निवेश कर ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाई है। वर्तमान में कंपनी की कुल स्थापित क्षमता 84,848 मेगावाट है।
संयुक्त उद्यम में परमाणु परियोजना
एनटीपीसी राजस्थान में लगभग 42,000 करोड़ रुपये के निवेश से भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) के साथ अश्विनी परियोजना में शामिल है। एनटीपीसी की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत और NPCIL की 51 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बांसवाड़ा, राजस्थान में 43,700 मेगावाट की माही बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखी।
एनटीपीसी की यह पहल देश में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मजबूत और सतत योगदान सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।