धक्का मुक्की पर ओम बिरला सख्त, संसद भवन के सभी द्वार पर प्रदर्शन बैन

संसद के मकर द्वार के पास हुई धक्का-मुक्की के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने बड़ा फैसला लिया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के किसी भी प्रवेश द्वार पर किसी भी सांसद या राजनीतिक दल की ओर से प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। बृहस्पतिवार को भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों के बीच धक्कामुक्की की घटना के बाद बिरला ने यह फैसला लिया है। संसद के सूत्रों ने इस बारे में बताया, अध्यक्ष ओम बिरला ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि किसी सांसद, सदस्यों के समूह या राजनीतिक दल को संसद भवन के द्वारों पर किसी तरह का धरना या प्रदर्शन करने नहीं दिया जाएगा।

राहुल गांधी पर दर्ज हुआ मामला
इससे पहले, संसद भवन परिसर में धक्कामुक्की मामले में राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं कांग्रेस द्वारा की गई शिकायत पर पुलिस अभी विचार कर रही है। यह मामला भाजपा की सांसद बांसुरी स्वराज, हेमंग जोशी और अनुराग ठाकुर की शिकायत पर संसद मार्ग थाने में दर्ज किया गया है।

बता दें कि बाबासाहेब आंबेडकर से जुड़े मुद्दे पर विपक्ष और सत्तापक्ष के सांसदों ने गुरुवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई। 

इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में बीएनएस की धारा 117 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने का कार्य), 131 (आपराधिक बल का प्रयोग), 351 (आपराधिक धमकी) और 3(5) (सामान्य इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

आज का घटनाक्रम
दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह की बाबासाहेब आंबेडकर से संबंधित टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्यों ने मार्च निकाला तो भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर बाबासाहेब के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और जमकर नारेबाजी की। भाजपा का आरोप है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने धक्कामुक्की की, जिस वजह से उसके बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हुए। सारंगी को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। दूसरी तरफ राहुल गांधी ने दावा किया कि भाजपा सांसदों ने उन्हें और अन्य विपक्षी सदस्यों को संसद भवन में जाने से रोका और धक्का-मुक्की की।

प्रताप सारंगी को टांके लगाने पड़े, बेहोश हो गए थे मुकेश राजपूत
राम मनोहर लोहिया अस्पताल की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि घायल होकर अस्पताल आए प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को स्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही जरूरत के आधार पर जांच भी की जा रही है। जांच के लिए नर्सिंग होम की टीम बनाई गई है। सिर में चोट लगने के कारण एतिहात के तौर पर आईसीयू में भर्ती कराया गया है। प्रताप सारंगी को बहुत ज्यादा रक्तस्राव हो रहा था और उन्हें गहरा घाव भी हुआ था। इसलिए उन्हें टांके लगाने पड़े। उनका मूल्यांकन किया जा रहा है। मुकेश राजपूत बेहोश हो गए थे।

किस बात पर विवाद?
दरअसल, अमित शाह की टिप्पणी को लेकर संसद के दोनों सदनों में बुधवार से गतिरोध बना हुआ है। कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया। दूसरी तरफ भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और उन्हें चुनाव में तक हरवाया।

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