एक ही मंत्र ‘वोकल फॉर लोकल’, एक ही रास्ता ‘आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (31 अगस्त) को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हाल की प्राकृतिक आपदाओं, खेलों, सांस्कृतिक उपलब्धियों और युवाओं के भविष्य को लेकर कई अहम बातें साझा कीं।

आपदा पर चिंता, राहत कर्मियों की सराहना
पीएम मोदी ने कहा कि इस मानसून ने कई राज्यों में भारी तबाही मचाई है। बाढ़ और भूस्खलन से घर, खेत और सड़कें नष्ट हुईं, अनेक परिवारों ने अपनों को खोया। उन्होंने कहा कि पीड़ितों का दर्द हम सभी का दर्द है। इस कठिन घड़ी में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सुरक्षाबलों ने आधुनिक तकनीक जैसे थर्मल कैमरे, ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल कर राहत कार्यों में अहम भूमिका निभाई। हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाने और घायलों को एयरलिफ्ट करने में सेना और स्थानीय लोगों का भी बड़ा योगदान रहा। प्रधानमंत्री ने इन सभी प्रयासों के लिए कृतज्ञता जताई।

जम्मू-कश्मीर की उपलब्धियां
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदा के बीच भी जम्मू-कश्मीर ने गौरवपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। पुलवामा में पहला डे-नाइट क्रिकेट मैच आयोजित हुआ, जिसमें हजारों दर्शकों ने भाग लिया। वहीं श्रीनगर की डल झील पर खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल हुआ, जिसमें पूरे देश से 800 से अधिक खिलाड़ी शामिल हुए। मोदी ने खासकर महिला खिलाड़ियों की बड़ी भागीदारी की सराहना की और मध्य प्रदेश, हरियाणा व ओडिशा को पदक जीतने के लिए बधाई दी।

युवाओं के लिए ‘प्रतिभा सेतु’
सिविल सेवाओं जैसी कठिन परीक्षाओं में मामूली अंतर से असफल होने वाले उम्मीदवारों के लिए सरकार ने प्रतिभा सेतु नामक डिजिटल पोर्टल शुरू किया है। इसमें ऐसे 10 हजार से अधिक होनहार युवाओं का डाटाबेस शामिल है। निजी कंपनियां इस प्लेटफॉर्म से योग्य उम्मीदवारों को नियुक्त कर सकती हैं। मोदी ने बताया कि अब तक सैकड़ों युवाओं को इसका लाभ मिल चुका है।

खेल और वैश्विक जुड़ाव
प्रधानमंत्री ने अपने हालिया पॉडकास्ट का जिक्र करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के शहडोल के फुटबॉल प्रेमियों की कहानी ने जर्मनी के कोच डाइटमर बेइर्सडॉर्फर को प्रभावित किया। उन्होंने शहडोल के खिलाड़ियों को जर्मनी में ट्रेनिंग देने का प्रस्ताव रखा है। जल्द ही वहां के युवा खिलाड़ी जर्मनी जाएंगे।

देशभक्ति की प्रेरणा
सूरत के सुरक्षा गार्ड जितेंद्र सिंह राठौड़ का उल्लेख करते हुए मोदी ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्षों में हजारों शहीद जवानों की जानकारी एकत्र की है और ढाई हजार शहीद परिवारों से मिट्टी इकट्ठा कर सम्मानित किया है। प्रधानमंत्री ने इसे सच्ची देशभक्ति का उदाहरण बताया।

सौर ऊर्जा से ग्रामीण बदलाव
उन्होंने बिहार की “सोलर दीदी” देवकी का उदाहरण दिया, जिनके प्रयास से उनके गांव में सोलर पंप से 40 एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई संभव हो पाई और किसानों की आमदनी बढ़ी। मोदी ने इसे सौर ऊर्जा की क्रांतिकारी शक्ति बताया।

संस्कृति और परंपरा पर जोर
प्रधानमंत्री ने इंजीनियर्स डे, विश्वकर्मा जयंती और हैदराबाद मुक्ति दिवस का उल्लेख किया। उन्होंने विदेशों में भारतीय संस्कृति के बढ़ते प्रभाव की चर्चा करते हुए इटली में महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा और कनाडा के मिसीसागा में भगवान श्रीराम की विशाल प्रतिमा के अनावरण का जिक्र किया। रूस में बच्चों द्वारा रामायण पर आधारित पेंटिंग प्रदर्शनी को भी उन्होंने सराहनीय बताया।

त्योहारों में स्वदेशी का आह्वान
गणेश उत्सव और आने वाले त्योहारों की शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उपहार से लेकर सजावट तक, हर चीज़ भारतीय उत्पादों से होनी चाहिए। उन्होंने वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत को ही विकसित भारत की राह बताया।

कार्यक्रम का समापन करते हुए मोदी ने देशवासियों से स्वच्छता और स्वदेशी के संकल्प के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया और कहा कि उनके सुझाव मन की बात को और सशक्त बनाते हैं।

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