वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर गंभीर आरोप लगाए। गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त हैं और राज्य में चल रही “लूट” को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। भूषण का आरोप है कि सरकार आम लोगों को असम की असली तस्वीर जानने से रोकना चाहती है।
गरीबों की जमीन कंपनियों को देने का आरोप
भूषण ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों को अवैध रूप से बाहर खदेड़ रही है, उन्हें जबरन उनकी जमीनों से हटाया जा रहा है और गरीबों के मकानों को तोड़ा जा रहा है। उनका आरोप है कि आदिवासी किसानों की उपजाऊ जमीनें बड़े कॉरपोरेट समूहों, खासतौर पर अदाणी समूह को सौंपने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा, “असम में खुली लूट मची है और मुख्यमंत्री इसे छिपाने के लिए स्वतंत्र आवाजों को दबा रहे हैं।”
मुख्यमंत्री का जवाब, विपक्षी दलों पर संगीन आरोप
इसी दिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विपक्ष और बुद्धिजीवियों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, जमात-ए-इस्लामी-हिंद और कुछ बुद्धिजीवी—जिनमें हर्ष मंदर, प्रशांत भूषण, वजाहत हबीबुल्लाह, फैयाज शाहीन और जवादर सिरकार शामिल हैं—असम को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान और बांग्लादेश समर्थक तत्वों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।