राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई का एक स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने इस दौरान स्वदेशी आकाशतीर एयर डिफेंस और रिपोर्टिंग सिस्टम के निर्माण में सार्वजनिक उपक्रमों के योगदान की सराहना की। राष्ट्रपति ने बताया कि यह रक्षा प्रणाली भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के दौरान निर्णायक साबित हुई थी।
सार्वजनिक उपक्रमों का बढ़ा मुनाफा
स्कोप एमिनेंस अवार्ड्स कार्यक्रम में संबोधन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने में सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका अहम होगी। उन्होंने बताया कि तीन-चौथाई सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम लाभ कमा रहे हैं और बीते एक दशक में उनका शुद्ध मुनाफा उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल
राष्ट्रपति ने कहा कि सार्वजनिक उद्योग सुशासन और पारदर्शिता के क्षेत्र में आदर्श स्थापित कर रहे हैं। मेक इन इंडिया की अहमियत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उपक्रम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की रीढ़ हैं। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवादी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त किया गया और भारत पर हमले के प्रयास नाकाम हुए। इसमें आकाशतीर प्रणाली ने अपनी अचूक क्षमता साबित की, जिसका निर्माण सार्वजनिक उपक्रमों के सहयोग से संभव हुआ।
विभिन्न क्षेत्रों में अहम भूमिका
मुर्मू ने कहा कि नवाचार और तकनीकी विशेषज्ञता की बदौलत सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती दे रहे हैं। साथ ही कृषि, खनन, अन्वेषण, विनिर्माण, प्रसंस्करण और सेवाओं जैसे कई क्षेत्रों में भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया है। राष्ट्रपति ने महिला-नेतृत्व वाले विकास को सरकार की प्राथमिकताओं में से एक बताया, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि महिला नेताओं को आगे बढ़ते समय कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।