कांग्रेस पार्टी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद को रोटेशनल बनाने वाली है, ये दावा भाजपा की तरफ से किया गया है। दरअसल दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा, विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों को अगर ये लगता है कि राहुल गांधी अपनी जिम्मेदारी को समर्पण के साथ पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें इस तरह का फैसला लेना चाहिए।
भाजपा के दावे पर क्या बोले विशेषज्ञ?
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि विपक्षी दलों में कई नेता हैं जो नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) का काम संभालने में सक्षम हैं, लेकिन यह निर्णय उन्हें लेना है क्योंकि यह उनका आंतरिक मामला है। हालांकि इस रिपोर्ट के दाखिल होने तक विपक्षी दलों की ओर से भाजपा के दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की गई, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी के सांसद को ही एलओपी नियुक्त किया जा सकता है, जिसके पास कम से कम 10 प्रतिशत सीटें हों। राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया है, जबकि सदन में कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है।
ये विपक्षी गठबंधन का आतंरिक मामला- स्वराज
भाजपा सांसद की यह टिप्पणी विपक्षी दलों की तरफ से लोकसभा में विपक्ष के नेता के पद को रोटेशनल बनाने पर विचार करने की चर्चा पर टिप्पणी करने के लिए कहे जाने के बाद आई है। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बांसुरी स्वराज ने कहा, हां, बिल्कुल। मैंने भी सुना है कि विपक्ष के नेता के पद को रोटेशनल बनाने की बात चल रही है। लेकिन मैं विनम्रतापूर्वक कहूंगी कि यह विपक्ष का आंतरिक मामला है।
उन्होंने कहा, विपक्षी दलों में निश्चित रूप से कई नेता हैं जो विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह सक्षम हैं। अगर उनके गठबंधन को लगता है कि राहुल गांधी अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से नहीं निभा पा रहे हैं तो उन्हें ऐसा फैसला लेना चाहिए।
विशेषज्ञों की क्या है राय?
यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष के नेता का पद रोटेशनल बनाया जा सकता है, पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी आचार्य ने कहा कि सदन में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के सांसद को ही विपक्ष का नेता नियुक्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी विपक्ष का नेता नियुक्त करना चाहती है, उसे पार्टी ही चुनती है। उन्होंने कहा, इसमें न तो सरकार और न ही स्पीकर की कोई भूमिका है। उन्होंने कहा कि स्पीकर केवल उसी व्यक्ति को लोकसभा में विपक्ष का नेता मानते हैं जिसका नाम सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी द्वारा आगे बढ़ाया जाता है।