तमिलनाडु के साथ हमारा गहरा रिश्ता, पीएम मोदी ने याद की 22 साल पुरानी एकता यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के साथ अपने मजबूत रिश्ते का जिक्र किया. हाल ही में एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई ऐतिहासिक ‘एकता यात्रा’ का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि तमिलनाडु के साथ हमारा गहरा रिश्ता है. यात्रा का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एकता यात्रा में जब अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के परिजनों ने श्रीनगर में तिरंगा झंडा फहराने के लिए सौंपा वह सबसे यादगार क्षण था.

इस दौरान परमवीर चक्र विजेता कॉन्सेटबल अब्दुल हामिद के बेटे जुबैद अहमद और अली हसन भी मौजूद थे. उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी भी थे. बता दें कि उस समय डॉ. मुरली मनोहर जोशी भाजपा के अध्यक्ष थए जबकि मोदी इस यात्रा के आयोजक थे. मोदी आर्काइव ट्विटर हैंडल पर उस समय की उन तस्वीरों को शेयर किया गया है.

दरअसल, 13 दिसंबर 1991 को एक लेख में उस घटना का डॉक्यूमेंटेशन किया गया था, जहां महान स्वतंत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह और राजगुरु के भाइयों राजिंदर सिंह और देवकीनंदन ने पीएम मोदी को श्रीनगर में झंडा फहराने को कहा था. ये घटना 26 जनवरी 1992 की है.

तमिलनाडु में पीएम के कुछ यादगार लम्हे

पीएम मोदी ने जब सवाल पूछा गया कि तमिलनाडु से आपके 50 साल से भी ज्यादा समय का रिश्ता रहा है. लेकिन आपका सबसे पसंदीदा लम्हा कौन सा रहा? इस पर जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि यहां मेरे एक से बढ़कर एक अनुभव रहे हैं. लेकिन एक घटना मुझे टच कर गई. आजादी के समय में, बहुत छोटी उम्र में शहीद हुए एक व्यक्ति के परिवार से एक बूढ़ी मां मुझसे मिलने आई, उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया. वो पल मुझे अभी भी भावुक करता है.

दो घटनाओं का किया जिक्र

एक और घटना को याद करते हुए पीएम ने कहा कि एक बार उनका काफिला जा रहा था, तभी खेत में काम कर रहे एक व्यक्ति ने उन्हें रोका. पीएम ने कहा, ‘वह आया और उसने मेरे हाथ में 11 रुपये रखे’. क्योंकि तामिल भाषा न समझ पाने के कारण पीएम ने अपने साथी को बुलाया और पूछा कि व्यक्ति क्या बोल रहा है. तब मालूम चला कि पीएम के काफिला को धार्मिक यात्रा समझ कर उसने पीएम को पैसे दिए और बोला कि मंदिर में चढ़ा दीजिएगा.

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