डीएमके ने सोमवार को कहा कि वह प्रस्तावित वक्फ कानून के पारित होने के बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। यह बात वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति की तरफ से अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए आगे बढ़ने के तुरंत बाद कही गई।

'लड़ाई' 'जेपीसी या संसद के लिए नहीं'- राजा
भाजपा के जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति के सदस्यों में से एक डीएमके सांसद ए. राजा ने कहा कि पैनल की कार्यवाही में उनकी 'लड़ाई' 'जेपीसी या संसद के लिए नहीं' बल्कि सुप्रीम कोर्ट के लिए है। उन्होंने कहा, 'हम निश्चित रूप से अदालत जाएंगे। डीएमके जाएगी, मैं भी जाऊंगा।'

प्रस्तावित कानून असंवैधानिक होगा- ए राजा
उन्होंने दावा किया कि प्रस्तावित कानून असंवैधानिक होगा और उनकी पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। उन्होंने कहा कि समिति में प्रस्तुत दस्तावेज और उठाए गए बिंदु विधेयक के पारित होने के बाद न्यायिक चुनौतियों में उपयोगी होंगे।

'मुझे लगता है कि रिपोर्ट पहले से ही तैयार है'
लोकसभा सांसद ने आरोप लगाया कि जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कार्यवाही को बाधित किया जो कि 'मजाक' के अलावा कुछ नहीं था। डीएमके नेता ने कहा, 'मुझे लगता है कि रिपोर्ट पहले से ही तैयार है।' जगदंबिका पाल ने आरोपों को खारिज करते हुए जोर देकर कहा कि उन्होंने समिति को सबसे लोकतांत्रिक तरीके से 36 बैठकों और कई दौरों के दौरान चलाया है।

29 जनवरी को समिति की आखिरी बैठक
ए. राजा ने कहा, 'उन्होंने हमारी ओर से प्रस्ताव रखा और हमारे संशोधन अध्यक्ष की तरफ से प्रस्तुत किए गए। उनके द्वारा ही गणना की गई और उनके द्वारा ही घोषणा की गई कि यह नकारात्मक है। इसलिए वे ही प्रस्तावक, प्रतिवादी और उद्घोषक हैं। यह कितना हास्यास्पद है।' उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों को वे दस्तावेज नहीं दिए गए जिनका वादा उनसे किया गया था। बुधवार को समिति अपनी रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए अंतिम बार बैठक करने जा रही है, सरकार 31 जनवरी से बजट सत्र के लिए संसद में विधेयक पारित करने के लिए प्रस्ताव रख सकती है।