त्रिपुरा में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते राज्य के कई हिस्से बाढ़ग्रस्त हो गए हैं। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि प्रशासन राहत और बचाव कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है।

उन्होंने कहा कि स्थिति को प्रबंधित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है और बाढ़ की उभरती स्थिति पर केंद्र सरकार को नियमित रूप से जानकारी दे रही है। उन्होंने एजेंसी को दिए बयान में कहा, 'मेरे पास जो जानकारी है, उसके मुताबिक बंगाल की खाड़ी में अचानक एक डिप्रेशन आया है, जिसके कारण त्रिपुरा और खासकर दक्षिण में गोमती में ऐसा हो रहा है, इसलिए इसका सभी जिलों पर बहुत बड़ा असर हुआ है।'

'दक्षिण में 375 मिमी तक बारिश'

सीएम ने कहा, 'स्थिति को लेकर मैंने समीक्षा बैठक की और उससे मुझे पता चला कि यहां दक्षिण में 375 मिलीमीटर बारिश हुई है और गोमती में मैंने कई जगहों पर 350, 200 मिलीमीटर बारिश सुनी है। त्रिपुरा में इतनी भारी बारिश मैंने कभी नहीं देखी।'

उन्होंने कहा कि बारिश हो रही है, इसलिए कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है और त्रिपुरा की लगभग सभी नदियां कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि 3 लोगों की मौत हो गई है और 4 लोग डूब गए हैं।

राहत एवं बचाव कार्य जारी

उन्होंने कहा, 'एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ, पुलिस और स्वयंसेवकों समेत हम सभी इसमें लगे हुए हैं। 321 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और इसमें लगभग 30,000 से अधिक लोग हैं। मैंने उनके भोजन और आवास के लिए गृह मंत्री से बात की और उनसे निर्देश दिया है कि एनडीआरएफ की और टीमें भेजें।' सीएम माणिक ने कहा कि उनके पास खबर है कि एक टीम असम से आई है और 4 एनडीआरएफ टीमें अरुणाचल प्रदेश से आने वाली हैं। उन्होंने कहा कि वह स्थिति पर नजर रख रहे हैं।