ओवैसी ने मोहन भागवत के तीन बच्चों वाले बयान पर उठाए सवाल, अमेरिकी टैरिफ पर भी जताई चिंता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा तीन बच्चों वाले परिवार की वकालत करने वाले बयान पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं। भागवत ने कहा था कि जिन समाजों में परिवार तीन से कम संतान रखते हैं, उनका अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म हो जाता है और देश के लिए पर्याप्त जनसंख्या जरूरी है।

ओवैसी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि दर घट रही है और यह 14.23 प्रतिशत है, जबकि हिंदुओं की वृद्धि दर लगभग 80 प्रतिशत है। उन्होंने सवाल किया कि संघ भारतीय महिलाओं पर बोझ क्यों डालना चाहता है, जिनकी अपनी प्राथमिकताएं हो सकती हैं। ओवैसी ने इसे आरएसएस का दोहरा चरित्र करार दिया और कहा कि संघ समर्थित संगठन मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाते हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में इसे संस्थागत रूप दिया गया।

अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव पर ओवैसी ने कहा कि इसका बड़ा असर होगा और देश के 50 प्रतिशत निर्यात, जैसे मोटर पार्ट्स, आभूषण, रत्न और रेडीमेड कपड़े, प्रभावित होंगे। उन्होंने फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि इसके बाद यह टैरिफ लागू हुआ। ओवैसी ने कहा कि अमेरिकी बयानबाजी के सामने सरकार चुप क्यों है और निर्यातकों को बड़ा नुकसान होगा, जिस पर मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए।

ओवैसी ने कहा कि अमेरिका के पीटर नवारो द्वारा दिए गए बयान के मामले में, यदि कोई विपक्षी नेता ऐसा बयान देता, तो भाजपा हमला बोलती। उन्होंने सरकार की ईरान से तेल खरीद पर पुरानी गलतियों का भी उल्लेख किया और कहा कि विपक्ष को इसे लेकर जनता के सामने मुद्दा उठाना चाहिए।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर कथित टिप्पणी के संदर्भ में ओवैसी ने कहा कि उन्हें बयान का सही संदर्भ नहीं पता। उन्होंने कहा कि मतभेद होना स्वीकार्य है, लेकिन इसका इस्तेमाल हिंसा के लिए नहीं किया जा सकता। ओवैसी ने भाजपा, मोदी और अमित शाह के खिलाफ राजनीतिक रूप से मजबूत विपक्षी रणनीति अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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