ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को बीजेपी और केंद्र सरकार पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ सत्ता या राजनीतिक विरोध से नहीं, बल्कि विचारधारा और संविधान की रक्षा के लिए है। ओवैसी ने स्पष्ट किया, "बीजेपी देश से बड़ी नहीं है। हम उनके साथ कभी नहीं खड़े हो सकते। समुद्र के दो किनारे कभी नहीं मिल सकते।"
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन बार सत्ता में आने का जिक्र करते हुए कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि देश के मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया। उन्होंने कहा, "मोदी सत्ता में 50 प्रतिशत गैर-मुस्लिम वोट से आए हैं। मुसलमानों को हर बार जिम्मेदार ठहराना गलत है।" ओवैसी ने यह भी कहा कि बीजेपी का दृष्टिकोण मुसलमानों के प्रति पूरे देश को पता है। उनका उद्देश्य संविधान की रक्षा और समाज के मजलूमों की आवाज बनना है।
AIMIM बीजेपी की B टीम नहीं
ओवैसी ने विपक्षी गठबंधनों से दूरी बनाए रखने और किसी को AIMIM को B टीम कहने पर कहा कि उनकी पार्टी का बीजेपी से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सियासत अवसरवाद या किसी गठबंधन पर निर्भर नहीं, बल्कि उसूलों पर आधारित है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से अच्छे संबंध
ओवैसी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का नाम लेते हुए कहा कि उनके अच्छे व्यक्तिगत और विकासात्मक संबंध हैं। रेवंत रेड्डी ने उनके क्षेत्र में मेट्रो जैसी परियोजनाओं का काम कराया है। लेकिन ओवैसी ने यह भी दोहराया कि उनकी सियासत हमेशा उसूलों पर आधारित रही है, मौकापरस्ती पर नहीं।
अपने धर्म के लिए विरोध पर जताई नाराजगी
‘I Love Mohammed’ पोस्टर को लेकर खड़े विवाद पर ओवैसी ने सवाल उठाया कि क्या अपने धर्म के प्रति प्रेम जताना अब अपराध बन गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के विवाद से देश को नुकसान होता है और सरकारों को इस पर ध्यान देना चाहिए।
चीफ जस्टिस मामले में मोदी सरकार पर हमला
ओवैसी ने चीफ जस्टिस बीआर गवई मामले में केंद्र सरकार पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि यदि जूता फेंकने वाले का नाम किसी और होता तो बीजेपी सरकार कार्रवाई करने में देर न करती। ओवैसी ने कहा कि चीफ जस्टिस ने आरोपी को माफ कर दिया, लेकिन सरकार को इसके बावजूद हस्तक्षेप करना चाहिए था।