बंगलूरू में एक पाकिस्तानी नागरिक को उसकी पत्नी और दो अन्य के साथ गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि ये सभी जाली दस्तावेजों और नकली पहचान के साथ पिछले छह साल से शहर में अवैध रूप से रह रहे थे। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। 

प्राथमिक जांच के मुताबिक, व्यक्ति की पत्नी बांग्लादेश की है और दोनों की शादी ढाका में हुई थी। यह जोड़ा 2014 में दिल्ली आया और बाद में 2018 में बंगलूरू के जिगानी इलाके में आया। गिरफ्तार किए गए दो अन्य की पहचान उसके साले-साली के रूप में हुई है। सभी को रविवार को जिगानी में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया। 

जिगानी के एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने कहा, पुलिस ने मामले की जांच कर मुकदमा दर्ज कर लिया है। एक ही परिवार के चार लोग जाली दस्तावेजों के सहारे अवैध रूप से शहर में रह रहे थे। चारों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे। 

उन्होंने कहा कि ये लोग पिछले छह वर्षों से जिगानी में एक किराए के घर में रह रहे थे। इन्होंने फर्जी नाम से पहचान पत्र हासिल किए हुए थे। पुलिस व्यक्ति से उसके नेटवर्क और गतिविधियों के बारे में पूछताछ कर रही है। उन्होंने कहा, हमने उनके बारे में जानकारी एकत्र कर ली है और मामले की जांच चल रही है। ये एक गैरेज में सामग्री की आपूर्ति करते थे। इसकी भी जांच करनी होगी। 

राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इनकी जांच की जा रही है। वे यहां कैसे आए? सभी यहां क्यों आए? सभी सवालों की जांच की जाएगी। अगर वे पिछले दस वर्षों से भारत में थे, तो खुफिया एजेंसियों ने उन्हें क्यों नहीं पकड़ा? उन्होंने एक भारतीय पासपोर्ट को भी हासिल किया, तो आधार कार्ड प्राप्त करना उनके लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने अपने नाम भी बदले और एक रेस्तरां भी चला रहे थे।