संसद के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन यानी बुधवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में जोरदार हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं राज्यसभा में भी नोकझोंक देखने को मिली। हालांकि, इससे पहले कई विपक्षी सांसदों ने एक हाथ में तिरंगा और दूसरे में लाल गुलाब के साथ संसद परिसर में अपने भाजपा समकक्षों का अभिवादन किया। साथ ही सत्तारूढ़ पार्टी से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और अदाणी मामले सहित सभी मुद्दों पर चर्चा हो।
कभी झोला तो कभी मुखौटा...
अदाणी मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग पर अड़ी कांग्रेस रोजाना नए-नए तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रही है। कभी झोला तो कभी टी शर्ट के माध्यम से रोष जता रहे हैं। इसी क्रम में, आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस, डीएमके, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और वाम दलों के सांसद समेत अन्य लोग मकर द्वार की सीढ़ियों के सामने खड़े थे। इनमें से ज्यादातर तिरंगा और लाल गुलाब लिए हुए थे।
'देश को बिकने मत दो' लगाए नारे
सांसदों ने कहा कि हम गुलाब और तिरंगा अपने भाजपा समकक्षों को देना चाहते हैं। साथ ही उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि सदन की कार्यवाही चले और अदाणी मामले सहित सभी मुद्दों पर चर्चा हो। इतना ही नहीं, कई विपक्षी सांसदों ने 'देश को बिकने मत दो' के नारे वाली तख्तियां भी ले रखी थीं।
जेपीसी से जांच कराने की मांग
इससे पहले मंगलवार को, विपक्ष के नेता नीले झोले (बैग) लेकर आए थे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अदाणी के कार्टून छपे थे और सामने की तरफ मोदी-अदाणी भाई-भाई लिखा था। उन्होंने मोदी और अदाणी के बीच मिलीभगत के खिलाफ नारेबाजी की थी और मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की थी।

बता दें कि सोमवार को राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर एक नकली साक्षात्कार आयोजित किया था, जिसमें कांग्रेस सदस्य पीएम मोदी और उद्योगपति गौतम अदाणी के मुखौटे पहने हुए थे।

क्या है अदाणी मामला?
भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अदाणी सहित सात लोगों पर अमेरिका के न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरकार के अधिकारियों को महंगी सौर उर्जा खरीदने के लिए रिश्वत दी। इससे अदाणी समूह को अदाणी समूह को अगले बीस वर्षों में दो अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा हो सकता था। हालांकि, अदाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि अमेरिकी अभियोजकों के आरोप बेबुनियाद हैं और समूह सभी कानूनों का पालन करता है।
अमेरिकी अधिकारियों ने कथित साजिश के संबंध में कनाडाई पेंशन फंड मैनेजर सीडीपीक्यू (कैस डी डेपो एट प्लेसमेंट डू क्यूबेक) के तीन पूर्व कर्मचारियों साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल और दीपक गुप्ता पर भी आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया कि उन्होंने ई-मेल नष्टकर और अमेरिकी सरकार को गलत जानकारी देने के लिए राजी होकर रिश्वत के मामले की जांच में बाधा पहुंचाई। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने वाला सीडीपीक्यू अदाणी की कंपनियों में शेयरधारक है।