वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसदीय समिति ने विभिन्न राज्य सरकारों से वक्फ संपत्तियों की प्रामाणिकता और अद्यतन विवरण के बारे में जानकारी मांगी है। जिन्हें सच्चर समिति ने अनधिकृत कब्जे वाली संपत्ति बताई थी। आपको बता दें कि, संसदीय समिति का कार्यकाल लोकसभा द्वारा अगले बजट सत्र के आखिरी दिन तक बढ़ा दिया गया था। समिति ने वक्फ अधिनियम की धारा 40 के तहत राज्यों से वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई संपत्तियों का विवरण भी मांगा है।
जानकारी के मुताबिक, जेपीसी ने राज्यों से उन संपत्तियों का भी विवरण तलब किया है जिस पर वक्फ बोर्डों ने वक्फ अधिनियम की धारा 40 का इस्तेमाल करते हुए दावा जताया गया था। सूत्रों ने बताया कि संसदीय समिति केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के माध्यम से यह जानकारी एकत्र कर रही है। गौरतलब है कि विभिन्न राज्य वक्फ बोर्डों ने 2005-06 में सच्चर समिति को बताया था कि उनकी जमीन पर अनधिकृत कब्जा है। वक्फ बोर्डों ने कथित तौर पर दावा किया था कि इन संपत्तियों पर विभिन्न राज्य सरकारों या उनकी आधिकारिक एजेंसियों का कब्जा है।
जेपीसी ने अब इन्हीं संपत्तियों का ब्योरा जुटाना चाहती है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति ने पाया कि सच्चर समिति को दी गई जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में 316, राजस्थान में 60 और कर्नाटक में 42 ऐसी संपत्तियां हैं। इनके अलावा मध्य प्रदेश में 53, उत्तर प्रदेश में 60 और ओडिशा में 53 ऐसी संपत्तियां हैं। सूत्रों ने बताया कि समिति ने इन सभी छह राज्यों से इस पर मौजूदा स्थिति की अपडेट जानकारी मांगी है।
समिति को कुछ अन्य राज्यों से भी ऐसी जानकारी मिली है। एक सूत्र ने राज्यों को भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए बताया कि इसमें लिखा है, उपर्युक्त राज्यों के मुख्यमंत्री कृपया सच्चर समिति की रिपोर्ट में दी गई जानकारी की सत्यता की विस्तार से जांच करें और इस समिति को विस्तार से जानकारी दें। गौरतलब है कि सच्चर समिति का गठन 2005 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने देश में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए बनाया था।
धारा-40 पर सबसे ज्यादा विवाद
जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी ने उस धारा के तहत दावेदारी वाली संपत्तियों का भी ब्योरा मांगा है, जिसे लेकर सबसे ज्यादा विवाद है। दरअसल, 2013 में यूपीए सरकार के समय वक्फ अधिनियम में संशोधन के बाद धारा 40 को जोड़ा गया था। प्रस्तावित संशोधन विधेयक में इस धारा के तहत वक्फ बोर्डों को मिली शक्ति पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
-धारा 40 में प्रावधान है कि अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति समझता है तो उसे नोटिस देकर और फिर जांच करके तय कर सकता है कि वो वक्फ की जमीन है या नहीं। उसे यह तय करने का भी अधिकार है कि ये शिया वक्फ है या फिर फिर सुन्नी। वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ सिर्फ ट्रिब्यूनल में जाने का अधिकार है।