एनडीए ने शनिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राधाकृष्णन ने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में विनम्रता, सेवा और बुद्धिमत्ता से विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने हमेशा समाज के कमजोर वर्गों और वंचितों के उत्थान पर ध्यान केंद्रित किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि राधाकृष्णन ने अपने राजनीतिक सफर में जमीनी स्तर की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया और तमिलनाडु सहित कई क्षेत्रों में अहम योगदान दिया। एनडीए परिवार के लिए उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाना स्वाभाविक था, क्योंकि उन्होंने हर जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाया है। प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि वे इस संवैधानिक पद पर प्रेरणादायी भूमिका निभाएंगे।
सीपी राधाकृष्णन का आभार व्यक्त
एनडीए के प्रत्याशी बनाए जाने पर राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि यह उनके लिए गर्व और जिम्मेदारी का क्षण है। उन्होंने पीएम मोदी को जनता का प्रिय और सम्मानित नेता बताते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्र सेवा का यह अवसर पाकर गौरवान्वित महसूस हो रहा है।
सियासी दलों की प्रतिक्रियाएं
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि राधाकृष्णन एक ईमानदार और गैर-विवादास्पद शख्सियत हैं, जिनका राजनीतिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बधाई देते हुए कहा कि राज्यपाल और सांसद के रूप में उन्होंने संवैधानिक जिम्मेदारियों को निष्ठा से निभाया है और राज्यसभा की गरिमा को और ऊंचा करेंगे।
लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के प्रमुख चिराग पासवान और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी एक्स पर समर्थन जताते हुए कहा कि वे एनडीए के प्रत्याशी राधाकृष्णन के साथ मजबूती से खड़े हैं।
कांग्रेस की आलोचना
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष हिंदवी ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि असली मुद्दा यह नहीं है कि एनडीए किसे उपराष्ट्रपति बना रहा है, बल्कि यह है कि वे संस्थाओं को अपने तरीके से चलाना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब तक मौजूदा उपराष्ट्रपति भाजपा की लाइन पर चलते रहे, सब ठीक था, लेकिन अलग रुख दिखाने पर उन्हें किनारे कर दिया गया।
झारखंड कांग्रेस ने हालांकि इस निर्णय का स्वागत किया। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया चेयरमैन सतीश पॉल मुंजिनी ने उम्मीद जताई कि राधाकृष्णन संविधान की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखेंगे तथा सरकार के प्रवक्ता की तरह व्यवहार करने से बचेंगे।