नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में इमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की, जिसका उद्देश्य निजी क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फंड भारत के वैज्ञानिक समुदाय की क्षमता को सशक्त करेगा और उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “यह राशि वैज्ञानिकों के लिए है, उनकी प्रतिभा को निखारने और देश में रिसर्च को नई दिशा देने के लिए है।”
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने महिला क्रिकेट टीम को उनके ऐतिहासिक विश्व कप खिताब के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “पूरा देश हमारी महिला क्रिकेट टीम की जीत से गौरवान्वित है। यह सफलता देश के युवाओं को नई प्रेरणा देगी।” इसके साथ ही उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों को भी भारत के सबसे भारी संचार उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के लिए शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इक्कीसवीं सदी में विज्ञान और तकनीक मानवता की दिशा तय कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि सभी विशेषज्ञ एक मंच पर आकर उभरते हुए विज्ञान और नवाचार पर विचार-विमर्श करें। उन्होंने कहा, “सरकार का उद्देश्य केवल सरकारी क्षेत्र में नहीं, बल्कि निजी क्षेत्र में भी रिसर्च और डेवलपमेंट को मजबूती देना है।” उन्होंने यह भी बताया कि भारत अब “उच्च जोखिम, उच्च प्रभाव” वाले रिसर्च प्रोजेक्ट्स को सक्रिय रूप से समर्थन दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि बीते दस वर्षों में देश का अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर खर्च दोगुना हो गया है। इस अवधि में भारत में दर्ज किए गए पेटेंट की संख्या में 17 गुना वृद्धि हुई है। आज भारत स्टार्टअप्स के क्षेत्र में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बन गया है। उन्होंने कहा, “एक दशक पहले महिलाओं द्वारा दाखिल किए गए पेटेंट की संख्या 100 से भी कम थी, जबकि अब यह 5,000 से अधिक हो गई है। आज STEM शिक्षा में भारत की 43% छात्राएं हैं, जो वैश्विक औसत से काफी ज्यादा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) की स्थापना की है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भारत विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित होगा।