नई दिल्ली/वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में शांति बहाली के लिए किए जा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों की प्रशंसा की है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि गाजा में शांति की दिशा में हो रही प्रगति स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि बंधकों की रिहाई का संकेत सकारात्मक कदम है और भारत स्थायी एवं न्यायपूर्ण शांति के लिए हर प्रयास का समर्थन करता रहेगा।
हमास को मिला ट्रंप का अल्टीमेटम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा संकट को समाप्त करने के लिए 20 सूत्रीय शांति योजना पेश की है। इस प्रस्ताव को इस्राइल ने स्वीकार कर लिया है, जबकि हमास ने बंधकों की रिहाई और गाजा की सत्ता अन्य फलस्तीनियों को सौंपने पर सहमति जताई है। हालांकि कई बिंदुओं पर हमास ने आगे चर्चा की बात कही है। ट्रंप ने हमास को रविवार शाम तक का समय दिया था और चेतावनी दी थी कि प्रस्ताव न मानने पर उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अल्टीमेटम के बाद हमास 7 अक्तूबर 2023 को कब्जे में लिए गए इस्राइली बंधकों को रिहा करने पर तैयार हो गया है। माना जा रहा है कि 72 घंटे के भीतर यह प्रक्रिया शुरू होगी।
बंधक सौदे के बदले शर्तें
योजना के तहत इस्राइल ने हमले रोकने और गाजा से चरणबद्ध तरीके से सेना हटाने पर सहमति जताई है। बंधकों की रिहाई के बदले इस्राइल अपने यहां उम्रकैद काट रहे 250 फलस्तीनी कैदियों और हालिया संघर्ष में हिरासत में लिए गए 1700 लोगों को छोड़ सकता है। साथ ही मृत बंधकों के बदले शवों का आदान-प्रदान भी तय हुआ है। फिलहाल हमास के कब्जे में 48 बंधक हैं, जिनमें लगभग 20 की मौत हो चुकी है।
20 सूत्रीय शांति योजना की मुख्य बातें
ट्रंप की योजना के तहत गाजा को आतंक मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाएगा, वहां बड़े पैमाने पर पुनर्निर्माण और मानवीय सहायता भेजी जाएगी। प्रतिदिन 600 ट्रकों के जरिए राहत सामग्री पहुंचाने का प्रस्ताव है। गाजा की शासन व्यवस्था फलस्तीनी तकनीकी विशेषज्ञों को सौंपने और उसकी निगरानी अंतरराष्ट्रीय समिति के अधीन करने का खाका तैयार किया गया है। इस समिति का नेतृत्व ट्रंप स्वयं करेंगे, जिसमें ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी शामिल होंगे।
इसके अलावा आतंकवाद छोड़ने वाले हमास सदस्यों को माफी और सुरक्षित बाहर निकलने का विकल्प दिया जाएगा। वहीं गाजा में विशेष आर्थिक क्षेत्र विकसित करने, निवेश बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने पर भी जोर दिया गया है।
स्थायी समाधान की ओर संकेत
योजना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस्राइल न तो गाजा का विलय करेगा और न स्थायी कब्जा करेगा। क्षेत्रीय देशों से समझौते के पालन में सहयोग की अपेक्षा की गई है। अमेरिका ने यह भी कहा है कि पुनर्निर्माण और सुधार प्रक्रिया पूरी होने के बाद भविष्य में स्वतंत्र फलस्तीनी राज्य का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।