प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम पटना साहिब स्थित तख्त श्री हरिमंदिर जी गुरुद्वारे में मत्था टेका और इसे एक “दिव्य अनुभव” बताया। उनके साथ पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने नारंगी पगड़ी धारण कर मत्था टेका और श्रद्धालुओं से ‘जो बोले सो निहाल’ का नारा लगाया।
प्रधानमंत्री ने पवित्र ‘जोरे साहिब’ के दर्शन भी किए, जो गुरु गोबिंद सिंह और माता साहिब कौर की पादुकाएं हैं। इन पवित्र जोड़ों को रविवार को दिल्ली से पटना साहिब तक धार्मिक जुलूस के रूप में लाया गया था। प्रधानमंत्री ने गुरुद्वारे के काउंटर से प्रसाद ग्रहण किया और श्रद्धालुओं का अभिवादन किया।
मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में प्रार्थना करना अत्यंत पवित्र और दिव्य अनुभव रहा। सिख गुरुओं की शिक्षाएं मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। गुरु गोबिंद सिंह जी का साहस और न्याय के प्रति समर्पण अद्वितीय है।” उन्होंने कहा कि वे दिव्य गुरु चरण यात्रा के बाद पटना पहुंचे हैं, जिसमें समाज के हर वर्ग के लोग शामिल हुए।
‘जोरे साहिब’ का ऐतिहासिक महत्व
करीब तीन शताब्दियों तक ‘जोरे साहिब’ केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के परिवार के पास सुरक्षित था, जिसे हाल ही में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को सौंपा गया। प्रधानमंत्री की यात्रा को देखते हुए पटना साहिब में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
At the Takhat Sri Harimandir Ji Patna Sahib, had Darshan of the Holy Jore Sahib of Sri Guru Gobind Singh Ji and Mata Sahib Kaur Ji. They have come to Patna after the divine Guru Charan Yatra, in which people from all walks of life joined. Urging people to come to Patna and take… pic.twitter.com/iXlPoE6CCw
— Narendra Modi (@narendramodi) November 2, 2025
चुनावी जनसभाओं में भी रहे सक्रिय
गुरुद्वारा दर्शन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आरा और नवादा में एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में रैलियों को संबोधित किया। इसके बाद उन्होंने पटना में एक विशाल रोड शो का नेतृत्व किया।
आरा की जनसभा में प्रधानमंत्री ने 1984 के सिख विरोधी दंगों का उल्लेख करते हुए कहा, “उसी समय दिल्ली में सिखों का नरसंहार हुआ था और जो लोग इसके दोषी थे, आज वही कांग्रेस द्वारा बढ़ावा पा रहे हैं। उन्हें आज भी अपने कर्मों पर कोई पश्चाताप नहीं है।”
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब सिखों के पांच प्रमुख तख्तों में से एक है। 18वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा इसका निर्माण गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मस्थान के रूप में किया गया था। दसवें सिख गुरु का जन्म 1666 में पटना में हुआ था, और आनंदपुर साहिब जाने से पहले उन्होंने अपने बचपन के वर्ष यहीं बिताए थे।