प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी हफ्ते युद्धग्रस्त यूक्रेन का दौरा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि रूस के साथ जारी जंग के बीच यह पीएम मोदी की यूक्रेन की पहली यात्रा है। पीएम ने करीब एक महीने पहले ही रूस का दौरा कर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी और उनसे कहा था कि यूक्रेन संकट का सैन्य समाधान संभव नहीं है। वहीं सूत्रों ने बताया कि भारत रूस और यूक्रेन के बीच सीधे तौर पर मध्यस्थता नहीं करेगा। हालांकि वह दोनों देशों के बीच संदेश पहुंचाने में मदद कर सकता है।
यूक्रेन ने कहा था, पीएम मोदी शांति स्थापना में निभा सकते हैं महत्वपूर्ण भूमिका
पिछले महीने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ फोन पर हुई बातचीत में राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यरमक ने कहा था कि मोदी यूक्रेन में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष दोनों युद्धरत देशों के बीच किसी भी प्रत्यक्ष मध्यस्थता की भूमिका के लिए उत्सुक नहीं है। मध्यस्थता के बजाय उसने संकेत दिया है कि वह दोनों पक्षों के बीच संदेश पहुंचा सकता है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे मध्यस्थता नहीं करेंगे लेकिन उन्होंने कहा है कि वे संदेश दे सकते हैं। हालांकि विदेश मंत्रालय से इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।
भारत बातचीत और कूटनीति का करता रहा है समर्थन
भारत ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाई की सार्वजनिक रूप से निंदा करने से परहेज किया है और संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन से संबंधित अधिकांश प्रस्तावों के खिलाफ मतदान किया है या उनसे दूर रहा है। नई दिल्ली ने लगातार कहा है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का रास्ता है। वह स्थायी समाधान खोजने के उद्देश्य से किए जाने वाले सभी प्रयासों का समर्थन करेगा।
पीएम मोदी ने रूस को दी थी नसीहत
भारतीय विश्लेषकों का कहना है कि पीएम मोदी की कीव यात्रा का मकसद मॉस्को के दौरे से हुए नुकसान को नियंत्रित करना है। उनके दौरे के समय ही यूक्रेन की राजधानी कीव में बच्चों के एक अस्पताल पर घातक हमला हुआ था। इसके चलते यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की समेत कई पश्चिमी देशों के नेताओं ने पीएम की आलोचना की थी। पीएम मोदी ने 8-9 जुलाई को मास्को की यात्रा की थी। इस दौरान पुराने-सदाबहार मित्र भारत और रूस ने परमाणु ऊर्जा से लेकर चिकित्सा तक के क्षेत्रों में द्विपक्षीय व्यापार और सहयोग को बढ़ावा देने पर सार्थक बातचीत की थी। बच्चों के अस्पताल पर रूस के हमले पर पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि मासूम बच्चों की मौत दुखद और भयावह है। उन्होंने नई दिल्ली का यह रुख दोहराया कि मास्को और कीव को बातचीत तथा कूटनीति के जरिये अपने संघर्ष को सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि इस संकट का युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं है।
जी-7 में जेलेंस्की ने पीएम से की थी मुलाकात
पीएम के रूस दौरे के बाद शीर्ष भारतीय राजनयिकों ने अपने यूक्रेनी समकक्षों के साथ नियमित रूप से बातचीत की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन के दिमित्रो कुलेबा को फोन करके द्विपक्षीय संबंधों को और विकसित करने पर चर्चा की है। इससे पहले पीएम ने जून में इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से मुलाकात की थी और व्यापार तथा संबंधों के विस्तार पर चर्चा की। फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों नेताओं ने कई बार फोन पर भी बात की है।
यूक्रेन ने पुनर्निर्माण में भारत से मांगी मदद
यूक्रेन ने युद्ध से तबाह अपनी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण में नई दिल्ली से मदद मांगी है और जनवरी में भारत में होने वाले व्यापार शिखर सम्मेलन में भारतीय कंपनियों से निवेश का निमंत्रण दिया है।
आजादी के बाद पोलैंड जाने वाले पहले पीएम बनेंगे
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी की यात्रा का विवरण जल्द साझा किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा कि पीएम पोलैंड भी जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, पीएम 21 से 23 अगस्त तक दोनों देशों की यात्रा पर जा सकते हैं। पीएम पहले पोलैंड जाएंगे और वह 23 अगस्त को यूक्रेन की संक्षिप्त यात्रा पर जा सकते हैं। फरवरी 2022 में रूस के आक्रमण की शुरुआत के बाद से यह किसी वरिष्ठ भारतीय नेता की पहली यात्रा होगी। साथ ही 1991 में यूक्रेन के आजाद होने के बाद से यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा होगा।