मंगलवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक आयोजित हुई। इस दौरान गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन को सम्मानित किया गया। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके सार्वजनिक जीवन की सराहना की और सभी दलों, यहां तक कि विपक्ष से भी अपील की कि राधाकृष्णन को निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुना जाए।
नेहरू पर साधा निशाना
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु जल संधि का जिक्र करते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आलोचना की। उन्होंने कहा कि नेहरू ने संसद और अपनी कैबिनेट को विश्वास में लिए बिना पाकिस्तान के साथ यह समझौता किया था। पीएम मोदी के अनुसार, इस फैसले से पाकिस्तान को देश के 80 फीसदी से ज्यादा पानी के उपयोग की अनुमति मिल गई। उन्होंने कहा कि नेहरू ने यह समझौता देशहित के बजाय अपनी छवि चमकाने के लिए किया और उम्मीद जताई थी कि इससे भारत-पाकिस्तान के अन्य विवाद भी सुलझ जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार बीते समय की गलतियों को सुधारने का काम कर रही है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद उनकी सरकार ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था।
आर्थिक मजबूती का हवाला
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स के हालिया फैसले का उल्लेख किया, जिसमें भारत की दीर्घकालिक संप्रभु क्रेडिट रेटिंग को बेहतर किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है और निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है। बताया गया कि सी.पी. राधाकृष्णन बुधवार को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
रिजिजू का बयान
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी दलों से अपील की है कि वे राधाकृष्णन का समर्थन करें, ताकि उन्हें निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुना जा सके। उन्होंने राधाकृष्णन को सरल और निष्कलंक जीवन जीने वाला व्यक्ति बताते हुए कहा कि उनका उपराष्ट्रपति बनना पूरे देश के लिए गर्व की बात होगी।
चूंकि भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के पास संसद में बहुमत है, इसलिए माना जा रहा है कि इलेक्टोरल कॉलेज में भी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय है।