मणिपुर में हिंसा की नई लहर के बीच कांग्रेस ने सोमवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। विपक्षी पार्टी ने केंद्र सरकार से संवेदनशील सुरक्षा स्थिति की जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया। पार्टी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाए आयोग को अपनी जांच तेज करनी चाहिए।

'पीएम मोदी की विफलता माफी योग्य नहीं'
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मणिपुर में घोर विफलता माफी के लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व राज्यपाल अनसुइया उइके ने भी मणिपुर की जनता की आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग परेशान और दुखी हैं और वे चाहते हैं कि पीएम मोदी उनके बीच आएं। 

जिरिबाम जिले में मारे गए पांच लोग
विपक्षी पार्टी की ओर से यह बयान तब आया है, जब शनिवार को राज्य के जिरिबाम जिले में ताजा हिंसा में पांच लोग मारे गए। पुलिस के मुताबिक, जिरिबाम जिले में उग्रवादी सोते समय एक व्यक्ति के घर में घुसे और उसे गोली मार दी। हत्या के बाद समुदायों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें चार हथियारबंद लोग मारे गए। 

'शुरुआत में हिंसा से अछूता था जिरिबाम जिला'
राज्य में जातीय संघर्ष के शुरुआत में जिरिबाम हिंसक घटनाओं से दूर था। लेकिन जून में समुदाय के एक व्यक्ति (59 वर्षीय) की हत्या के बाद यहां भी हिंसा शुरू हुई। इस हत्या के लोगों ने एक-दूसरे समुदायों के उग्रवादियों को जिम्मेदार ठहराया। 

'पीएम ने मणिपुर में छोड़ी दी संविधानिक जिम्मेदारी'
खरगे ने कहा कि पीएम मोदी ने मणिपुर में पिछले 16 महीनों में एक पल भी नहीं बिताया। जबकि राज्य में लगातार हिंसा हो रही है। उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री पर भी आरोप लगाया कि वह अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी प्रधानमंत्री मोदी की तरह मणिपुर में सुरक्षा सुनिश्चित करने की संविधानिक जिम्मेदारी छोड़ दी है और चुनावी राज्यों में रैलियों में व्यस्त हैं। 

उग्रवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाए और सभी उग्रवादी समूहों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाए। विपक्षी पार्टी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मणिपुर आयोग को अपनी जांच तेजी से पूरी करनी चाहिए।