प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिन के थाईलैंड दौरे पर गुरुवार को बैंकॉक पहुंचे. यहां पर पीएम BIMSTEC के छठे शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. राजधानी बैंकाक पहुंचने पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. यहां पर उन्होंने रामायण के थाई संस्करण रामकियेन मंचन का लुत्फ उठाया. साथ ही गरबा और मंत्रों के जरिए उनका स्वागत किया गया. ISKCON कम्युनिटी की ओर से उन्हें गीता भी गिफ्ट की गई.

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने रामायण के थाई संस्करण ‘रामकियन’ के मंचर को देखा, जो भारत और थाईलैंड दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है. इससे पहले पीएम जब इस दक्षिण-पूर्व एशियाई देश पहुंचे, तो भारतीय प्रवासियों ने भव्य तरीके से उनका स्वागत किया. भारतीय प्रवासी पीएम के आते ही “मोदी मोदी” और “वंदे मातरम” के जोशीले नारे लगाने लगे.
इससे पहले थाईलैंड के उपप्रधानमंत्री सूर्या जुंगरुंगरींगकिट ने कई शीर्ष अधिकारियों के साथ एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया.

पीएम मोदी जब अपने होटल पहुंचे तो वहां पर उनका स्वागत उनके गृह राज्य गुजरात के पारंपरिक लोक नृत्य गरबा के साथ किया गया. पारंपरिक परिधान पहने भारतीय प्रवासी बड़ी संख्या में उनके स्वागत के लिए एकत्र हुए. गुजराती समुदाय के अलावा सिख और गढ़वाली समुदाय के लोग भी वहां मौजूद रहे.
इस्कॉन ने प्रधानमंत्री को गिफ्ट की गीता
प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में बैंकॉक की धरती पर भारतीय संस्कृति का शानदार झलक देखने को मिली. गुजरात के चर्चित गरबा नृत्य के अलावा स्थानीय थाई समुदाय के लोगों ने मंत्रजाप किया. इसके अलावा वहां रह रहे सिख समुदाय ने स्वर्ण मंदिर के साथ एक स्मृति चिन्ह भेंट किया.

पीएम के स्वागत में जैन समुदाय ने नवजार मंत्र पढ़े. वहां मौजूद इस्कॉन समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री को गीता भेंट की. फिर रामायण के थाई संस्करण रामकियेन का मंचन किया गया.
बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे PM मोदी
6ठें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी इस समय थाईलैंड में हैं, जहां वे कल शुक्रवार (4 अप्रैल) को क्षेत्रीय नेताओं के साथ सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा उन्होंने भारत और थाईलैंड के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए थाई प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की.

बिम्सटेक एक क्षेत्रीय समूह है जिसमें बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के 7 सदस्य देश शामिल हैं, इसमें दक्षिण एशिया से 5 (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका) और दक्षिण पूर्व एशिया से 2 (म्यांमार और थाईलैंड) देश आते हैं. यह दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करता है, भारत इसका सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली सदस्य है.