देश-प्रदेश में लंबे समय तक सुर्खियों में रहे अलीगढ़ के बहुचर्चित जहरीली शराब कांड के मुकदमों की सुनवाई किसी एक अदालत में होगी। ऐसा प्रयास पुलिस प्रशासन व अभियोजन स्तर से किया जा रहा है। इसके पीछे का मकसद मुकदमों को एक अदालत में लाकर तेजी से परीक्षण कराने और तेजी से निस्तारण कराने का है। ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा कराई जा सके। इस संबंध में जिला प्रशासन के इशारे पर डीजीसी फौजदारी ने पत्रावली बनाना शुरू कर दिया है। जिसके लिए जिला जज से अनुरोध किया जाएगा।

जिले में 27 मई 2021 की देर शाम लोधा के गांव करसुआ से जहरीली शराब कांड पहला मामला सामने आया। जहां से देर रात एक मौत की खबर आई और सुबह होते होते जहरीली शराब ने जिले में मौत का तांडव मचाना शुरू कर दिया। पुलिस रिपोर्ट में पोस्टमार्टम के अनुसार जरूर जिले में एक सप्ताह तक चले क्रम में मौतों की संख्या 106 रही, मगर 126 से अधिक मौत जिले में हुईं। इनमें कुछ मौत ऐसी थीं, जिनके शवों के पोस्टमार्टम नहीं हुए।

प्रदेश में इस घटना का शोर मचा। कई दिन तक हायतौबा के हालात रहे। पुलिस ने मुकदमे दर्ज किए और कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारियां कीं। बाद में मुकदमों में चार्जशीट दायर की गईं। सभी मुकदमों में न्यायालयों में ट्रायल चल रहा है। इस कांड में कुल 33 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 29 मुकदमे अलग-अलग तीन न्यायालयों में विचाराधीन हैं। जिनमें से कुछ गवाही में और कुछ गवाही पूरी होने के बाद बहस आदि की स्थिति में हैं।

मगर, अलग-अलग अदालतों में होने के कारण और गवाहों आदि के समय से न आ पाने के कारण आज तक एक भी मुकदमा निर्णय की स्थिति में नहीं आया। इसे लेकर पुलिस प्रशासन के स्तर पर शासन से लगातार मॉनिटरिंग में सवाल जवाब किए जा रहे हैं। तय किया गया है कि सभी मुकदमे किसी एक न्यायालय में लाकर उनका ट्रायल तेजी से पूरा कराया जाए और आरोपियों को सजा कराई जाए। इसके लिए प्रशासन की ओर से डीजीसी फौजदारी को पत्र मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

जहरीली शराब कांड

इस कांड में मौतें गांव करसुआ, रायट, अंडला, जवां, हैवतपुर, फतेह नगरिया, नंदपुर पला, पचपेड़ा, सांगोर, कौरह रुस्तमपुर, छेरत, शादीपुर, जट्टारी, रोहेरा, दरकन नगरिया, चंदनिया, धनीपुर, शीशियापाड़ा, महुआखेड़ा आदि में हुईं। जिन 80 आरोपियों को जेल भेजा गया, उनके विषय में प्रदेश स्तर पर आबकारी ने ब्लैक लिस्ट सूची जारी की है। ये सभी लोग अब देश-प्रदेश में कहीं भी आबकारी लाइसेंस आवेदन नहीं कर सकते और न बतौर सेल्समैन नौकरी कर सकते हैं।जहरीली शराब कांड से जुड़े 29 मुख्य मुकदमे तीन न्यायालयों में विचाराधीन हैं, जिनमें मुख्य माफिया से जुड़े 21 मुकदमे शासन स्तर से चिह्नित हैं। इन्हें एक अदालत में लाने के संबंध में पत्रावली तैयार कर ली गई है। सत्र न्यायाधीश के समक्ष आवेदन कर सभी मुकदमों को एक अदालत में लाने और जल्द ट्रायल कराने के साथ आरोपियों को सजा कराने की कवायद होगी। -चौ.जितेंद्र सिंह, डीजीसी फौजदारी

खास बातें

  • 33 मुकदमे इस कांड में दर्ज हुए
  • 88 आरोपी जेल भेजे
  • 12 लोगों को माफिया किया गया दर्ज
  • 80 लोगों की हिस्ट्रीशीट भी खोली गई
  • 74 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की गई
  • 75 करोड़ से अधिक की संपत्ति भी जब्त
  • 82 दुकानों के लाइसेंस भी निरस्त किए
  • 03 तीन बड़ी व कई शराब फैक्टरी जब्त