कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को साफ किया कि वह अपने पद पर बने रहेंगे और आने वाले समय में राज्य का बजट भी पेश करेंगे। यह बयान उस समय आया है जब सत्ताधारी कांग्रेस में डीके शिवकुमार खेमे के नेताओं द्वारा नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जोरदार दबाव बनाया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, कम से कम 15 विधायक और लगभग 12 एमएलसी शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए नई दिल्ली में हाईकमान के सामने अपनी मांग पेश कर रहे हैं। यह मांग 2023 में हुए पावर-शेयरिंग एग्रीमेंट पर आधारित है, जिसके तहत ढाई साल (20 नवंबर तक) सिद्धारमैया के स्थान पर शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने का प्रावधान था। अब वह समय सीमा समाप्त हो रही है, जिससे कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा तेज हो गई है।

सिद्धारमैया का बयान

मुख्यमंत्री ने कहा, "हाईकमान ने इस पर क्या कहा, यह देखना होगा। पहले भी कुछ चर्चा थी और अब शायद वे दिल्ली चले गए हैं। अंततः जो भी फैसला हाईकमान करेगा, हमें उसका पालन करना होगा।" जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भविष्य में भी बजट पेश करेंगे, तो उन्होंने कहा, "हाँ, मैं पेश करूंगा।"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नेतृत्व परिवर्तन का अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान करेगा और सभी मंत्री व विधायक उस निर्णय का सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं अपनी बात से कभी पीछे नहीं हटा। चुनाव से पहले की सभी पांच गारंटियां मैंने पूरी कीं। हाईकमान जो भी फैसला करेगा, वह लागू होगा।"

डीके शिवकुमार का बयान

मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अटकलों पर डीके शिवकुमार ने कहा कि गुटबाजी करना उनके खून में नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी 140 विधायक उनके लिए महत्वपूर्ण हैं और मुख्यमंत्री ने जो भी निर्णय लिया है, वह सम्मान योग्य है। "वे दिल्ली जाकर नेताओं से मिल सकते हैं। इसमें कोई गलत नहीं है। वे अपनी क्षमता और जिम्मेदारी दिखाना चाहते हैं। सभी मंत्री बनने के योग्य हैं और मुख्यमंत्री पांच साल पूरा करेंगे। हम सभी उनके साथ काम करेंगे," उन्होंने कहा।