तमिलनाडु में तीन भाषा और नई शिक्षा नीति को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। डीएमके लगातार इसे लेकर केंद्र सरकार को घेर रही है। डीएमके प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने नई शिक्षा नीति को लेकर चिंता जताई। उन्होंनें केंद्र सरकार पर शिक्षा प्रणाली पर धार्मिक विचार थोपने का आरोप लगाया। वहीं एआईएडीएमके ने एनडीए और राज्य की डीएमके सरकार पर हमला बोला है। एआईएडीएमके के प्रवक्ता कोवई सत्यन ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु के छात्रों के कल्याण में न तो भाजपा और न ही राज्य की डीएमके सरकार को कोई रुचि है। 

पहले भाजपा शासित राज्यों में लागू हो नीति: एलंगोवन
डीएमके प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि संविधान के अनुसार राज्य शिक्षा पर कानून बना सकते हैं क्योंकि यह समवर्ती सूची में है। दूसरी बात शिक्षा विभाग को यह बताना चाहिए कि इस शिक्षा नीति में नया क्या है। सबसे पहले इस नीति को भाजपा शासित राज्यों में लागू किया जाना चाहिए और उनके मानकों में सुधार किया जाना चाहिए। इस नीति का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली पर धार्मिक विचारों को थोपना है, जिसकी हम कभी अनुमति नहीं देंगे और हम हिंदी को कभी भी अनुमति नहीं देंगे। 

इससे पहले डीएमके सांसद ए राजा ने प्रधानमंत्री मोदी पर देश को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा विभाजन को बढ़ावा दे रही है। प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ लोग भाषा के नाम पर देश के अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर आपको संदेह है कि हम ऐसा करेंगे तो क्या आपको इस बात पर संदेह है कि आप देश को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं। अगर पीएम मोदी भाषा के मुद्दे पर बोलेंगे तो हम विरोध करेंगे। हम अलगाववादी नहीं हैं, लेकिन आप हमें इसके लिए मजबूर करते हैं। 

यह मजाक उड़ाने के अलावा कुछ नहीं: सत्यन
एआईएडीएमके के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोवई सत्यन ने स्टालिन सरकार पर हमला बोला। उन्होंने स्टालिन सरकार पर पीएमश्री स्कूल खोलने में दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया। सत्यन ने कहा कि डीएमके ने पीएमश्री स्कूल खोले, लेकिन नई शिक्षा नीति का विरोध किया। यह उनका दोहरा मानदंड है। सत्यन ने भाजपा पर निशाना साधा कि भाजपा कह रही है कि डीएमके को बजट तभी दिया जाएगा, जब वह नई शिक्षा नीति लागू करेंगे। सत्यन ने कहा कि किसी ने एमके स्टालिन से कहा है कि वह एक फिल्म नायक हैं और यही कारण है कि वह ऐसे बयान दे रहे हैं जैसे कि केंद्र को धन रोकने में उन्हें एक सेकंड लगेगा। यह पूरी व्यवस्था का मजाक उड़ाने के अलावा और कुछ नहीं है। 

यह है मामला
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बीच बीते कई दिनों से जुबानी जंग जारी है। बीते दिनों राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तमिलनाडु में लागू करने से स्टालिन के इनकार पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नाराजगी जाहिर की थी। वहीं स्टालिन, केंद्र सरकार पर जबरन राज्य में इसे लागू करने का आरोप लगा रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कथित तौर पर यह रुख अपनाया है कि जब तक तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और तीन भाषा फार्मूले को स्वीकार नहीं कर लेता, तब तक केंद्र सरकार की तरफ से उसे फंड नहीं दिया जाएगा।