अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से उत्पन्न संकट से निपटने के लिए भारत सरकार ने अपनी रणनीति बना ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वरिष्ठ मंत्रियों और वित्त व वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की। बैठक में निर्यातकों और श्रमिकों को राहत देने के लिए आपातकालीन ऋण, एकमुश्त सहायता और सुरक्षा उपायों से जुड़ा रोडमैप तैयार किया गया।
सूत्रों के अनुसार, सरकार इस सप्ताह प्रभावित उद्योगों, निर्यातकों और कामगारों के लिए कम से कम छह महीने का विशेष राहत पैकेज घोषित कर सकती है। बैठक में कपड़ा, चमड़ा, रसायन, प्लास्टिक और खिलौना उद्योगों पर अमेरिकी टैरिफ के असर की विस्तार से समीक्षा की गई। तय हुआ कि इन क्षेत्रों को तब तक पैकेज से सहारा दिया जाएगा, जब तक इनके लिए वैकल्पिक बाजार उपलब्ध नहीं हो जाते। सरकार के रणनीतिकारों का अनुमान है कि यह संकट अधिकतम छह महीने तक ही रह सकता है।
चीन-जापान दौरे से नए अवसर तलाशने की तैयारी
अमेरिका पर निर्भरता घटाने के लिए भारत वैकल्पिक बाजारों की ओर रुख कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इसी महीने चीन और जापान का दौरा करेंगे, जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय उत्पादों के लिए नए व्यापारिक अवसर खोजना होगा। चीन के साथ कई स्तर पर बातचीत जारी है, जबकि जापान ने भारत में बड़े निवेश की रुचि दिखाई है। सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने मंगलवार को ही 70 हजार करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया।
इसके अलावा, आने वाले महीनों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी भारत की यात्रा करेंगे। इन मुलाकातों के दौरान निर्यात को विविध बनाने और अमेरिकी टैरिफ पर निर्भरता घटाने पर चर्चा होगी।