राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सात से 10 अप्रैल को चार दिवसीय दौरे पर पुर्तगाल और स्लोवाकिया जाएंगी। वह 7-8 अप्रैल को पुर्तगाल में रहेंगी। राष्ट्रपति के दौरे को लेकर विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की पुर्तगाल यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब भारत और पुर्तगाल राजयनिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
विदेश सचिव तन्मय ने राष्ट्रपति मुर्मू की पुर्तगाल और स्लोवाकिया यात्रा को लेकर प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू की पुर्तगाल यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि किसी भारतीय राष्ट्रपति की 27 साल बाद पुर्तगाल यात्रा हो रही है। राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल के अपने समकक्ष मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर वहां का दौरा करेंगी। इससे पहले, पुर्तगाल के राष्ट्रपति डी सूसा ने 2020 में भारत का दौरा किया था और पीएम नरेंद्र मोदी 2017 में पुर्तगाल गए थे।
राष्ट्रपति की यात्रा से और मजबूत होंगे भारत-पुर्तगाल संबंध
विदेश सचिव लाल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और पुर्तगाल के बीच कई उच्च स्तरीय दौरे हुए हैं। राष्ट्रपति मुर्मू की इस यात्रा से भारत और पुर्तगाल के संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि भारत-पुर्तगाल के के रिश्ते भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को भी मजबूत बनाते हैं, क्योंकि 2000 में, जब पुर्तगाल यूरोपीय संघ का अध्यक्ष था, तब पुर्तगाल ने पहले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी।
भारत की ओर से स्लोवाकिया की दूसरी राजकीय यात्रा
विदेश सचिव ने आगे कहा कि राष्ट्रपति मूर्मू का दौरा भारत की ओर से स्लोवाकिया की दूसरी राजकीय यात्रा है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में, दोनों देशों के बीच राजनीतिक जुड़ाव बढ़ा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2023 में ब्रातिस्लावा का दौरा किया था। दोनों देशों के बीच मजबूत राजनीतिक और व्यापारिक संबंध हैं। विदेश सचिव ने कहा कि स्लोवाकिया में भारतीय कंपनियों ने महत्वपूर्ण निवेश किया है। इसके अलावा, स्लोवाकिया के व्यवसाय भी भारत में विनिर्माण, इस्पात, आईटी हार्डवेयर और रेलवे जैसे क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं।
भारत-स्लोवाकिया के बीच रक्षा संबंध भी लंबे समय से
विदेश सचिव तन्मय लाल ने बताया कि भारत और स्लोवाकिया के बीच रक्षा संबंध भी लंबे समय से हैं। 2017 में, भारत ने स्लोवाकिया के एक उपग्रह को पीएसएलवी द्वारा लॉन्च किया था। दोनों देशों के बीच 1.2 बिलियन का व्यापार है। विदेश सचिव ने बताया कि 2022 में, जब यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकाला गया, तब स्लोवाकिया ने बहुत मदद की और भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया।