भारत में इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए सभी पार्टियां बढ़-चढ़कर तैयारियां कर रही हैं। राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम भी जारी कर रहे हैं। भाजपा की सूची सामने आने के बाद सभी राजनीतिक दलों में हलचल मच गई है। जहां भाजपा ने 195 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की है। वहीं, अब बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली से नहीं बल्कि इस बार दमन-दीव से चुनाव लड़ सकती हैं।
आलाकमान ने आंकड़े जुटाने के लिए कहा
उन्होंने कहा, ‘प्रियंका गांधी वाड्रा इस बार दमन और दीव से चुनाव लड़ सकती हैं। मैं इस प्रस्ताव का स्वागत करता हूं। कांग्रेस के आलाकमान ने हमें कुछ आंकड़े एकत्र करने के लिए कहा है। हालांकि, अंत में पार्टी इसके बारे में फैसला करेगी।’
रायबरेली सबसे मुफीद सीट
प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने को लेकर कई बार से चर्चाएं होती रहीं हैं, मगर वह अभी तक प्रत्याशी के रूप में मैदान में नहीं आईं हैं। पार्टी ने हाल ही में संगठन में उनका महासचिव का पद बरकरार रखते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश प्रभारी के दायित्व से मुक्त कर दिया था। इससे साफ संकेत हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 में वह उम्मीदवार बनेंगी। कहा जा रहा था कि वह रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन अब दमन-दीव को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
हालांकि, रायबरेली से सोनिया गांधी के अलावा इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी भी चुनाव लड़कर लोकसभा गए थे। इस लिहाज से प्रियंका के लिए रायबरेली सबसे मुफीद सीट हो सकती है। सन् 1999 लोकसभा चुनाव के बाद 2004, 2006 (उपचुनाव), 2009, 2014 और 2019 में जीतने वाली सोनिया गांधी रायबरेली से अजेय हैं।
राजनीति से दूर पर कांग्रेस के लिए करती रहीं प्रचार
राजनीतिक मोर्चे की बात करें तो शुरू में प्रियंका इससे काफी दूर रहीं। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जरूर अपनी मां सोनिया गांधी के प्रचार का प्रबंधन संभाला था पर राजनीति में सक्रिय नहीं हुईं। 2007 में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए प्रचार किया पर अमेठी-रायबरेली तक ही सीमित रहीं।
2009 में इसी तरह से प्रचार किया पर वह कांग्रेस पार्टी से आधिकारिक रूप से नहीं जुड़ी थीं। 2012 में कांग्रेस ने उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में उतारा। 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर उन्होंने कांग्रेस का साथ स्टार प्रचारक के रूप में दिया और 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए सीमित दायरे में ही प्रचार किया। अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्वी उत्तर प्रदेश का महासचिव बना दिया और वह सक्रिय राजनीति में आ गईं। हालांकि, प्रियंका गांधी ने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है।