भुवनेश्वर। पाकिस्तानी नागरिक अब ओडिशा में नहीं रह सकते हैं। उन्हें राज्य से निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य सरकार ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है।

इसके साथ ही भारत-पाकिस्तान के तनाव को देखते हुए ओडिशा के वृहत 480 किमी. लम्बे समुद्री तट क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। ओडिशा में तटरेखा की सुरक्षा को लेकर कोस्ट गार्ड को अलर्ट कर दिया गया है।

समुद्री तटों की सुरक्षा के लिए मरीन पुलिस और तटरक्षक बल को हाई अलर्ट पर रखे जाने की जानकारी शुक्रवार को ओडिशा सरकार के कानून मंत्री मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने दी है। इसके साथ ही कानून मंत्री ने कहा है कि घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी नागरिक लंबी अवधि के वीजा पर भारत के अलग-अलग राज्यों में रह रहे हैं। वे विभिन्न कार्यों में लगे हुए हैं। माना जाता है कि 12 पाकिस्तानी नागरिक ओडिशा में रहते हैं। पाकिस्तानी नागरिक लंबी अवधि के वीजा पर ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच फिलहाल तनावपूर्ण बना हुआ है। भारत सरकार ने देश के आंतरिक हालात को देखते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने की सलाह दी है।

भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को 29 अप्रैल तक भारत छोड़ने के लिए कहा है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य सरकार के गृह विभाग ने यह प्रक्रिया शुरू की है।गौरतलब है कि आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम जिले में मंगलवार दोपहर करीब 2.30 बजे हुआ। इस हमले में ओडिशा के दो लोगों सहित कुल 26 लोग मारे गए थे। मरने वालों में दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

भारत सरकार ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को अपने देश लौटने का आदेश दिया है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात की है। केंद्रीय गृह विभाग ने राज्यों को आदेश जारी कर किस राज्य में कितने पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं, उनकी संख्या की जानकारी देने को कहा है।

वहीं, पहलगाम आतंकी हमले के बाद ओडिशा में तटरेखा की सुरक्षा को लेकर कोस्ट गार्ड को अलर्ट कर दिया गया है। समुद्री तटों की सुरक्षा के लिए मरीन पुलिस और तटरक्षक बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। यह जानकारी कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने दी।इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।