पुडुचेरी। शहर की साइबर क्राइम पुलिस ने इंजीनियरिंग कॉलेज के अंदर से संचालित कथित साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। जांच में सामने आया है कि यह नेटवर्क छात्रों के बैंक खातों का दुरुपयोग करके बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी कर रहा था।

पुलिस के मुताबिक, इस रैकेट ने लगभग 90 करोड़ रुपये का साइबर घोटाला किया। इसमें छात्र अपने दोस्तों और सहपाठियों के बैंक खाते साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराते थे। अधिकारियों का कहना है कि यह राशि पहले भारत में सफेद की जाती थी और फिर दुबई भेजकर चीन के नेटवर्क के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में बदल दी जाती थी।

कैसे पकड़ा गया रैकेट?

यह मामला तब उजागर हुआ जब दो इंजीनियरिंग छात्रों, दिनेश और जयप्रताप, ने अपनी बैंक खातों के अचानक फ्रीज होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उनके खाते उनके दोस्त हरीश के साथ साझा किए गए थे। जांच में पता चला कि इन खातों का इस्तेमाल ‘डंकी अकाउंट’ के तौर पर किया गया और कम से कम 7 करोड़ रुपये निकाले गए।

सात आरोपियों की गिरफ्तारी

पुलिस ने इस मामले में अब तक चार इंजीनियर स्नातकों समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवकों में थॉमस उर्फ हयग्रीव, हरीश, गणेशन, गोविंदराज, यशविन, राहुल और अय्यप्पन शामिल हैं।

अधिकारियों ने उनके पास से बड़ी मात्रा में सबूत जब्त किए हैं, जिनमें 5 लाख रुपये नकद, 171 चेकबुक, 75 एटीएम कार्ड, 20 मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, कई बैंक पासबुक, क्रेडिट कार्ड और एक हुंडई वरना कार शामिल हैं।