कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का केरल के वायनाड दौरे का आज दूसरा दिन है. अपने दौरे के दूसरे दिन राहुल गांधी ने आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा है कि देश के मूल मालिक आदिवासी हैं. बता दें कि लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी पहली बार शनिवार को वायनाड पहुंचे. जहां अपने दौरे के पहले दिन उन्होंने आदिवासी समुदाय टोडा के लोगों से मुलाकात की. इसके साथ ही राहुल गांधी ने उनके देवता के दर्शन किए. साथ ही आदिवासियों के पारंपरिक नृत्य और खाने का भी आनंद लिया.
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासियों को प्रतिबंधित और वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, "आदिवासियों को जंगलों में रहने तक ही प्रतिंबंधित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि पूरा ग्रह उनके लिए खुला होना चाहिए." राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि, "एक तरफ हम आदिवासी कहते हैं और दूसरी तरफ वनवासी कहते हैं, लेकिन वनवासी शब्द के पीछे बहुत अजीब सा तर्क है, जो इस बात से इनकार करता है कि आदिवासी भारत के मूल मालिक हैं और उन्हें जंगलों में रहने के लिए प्रतिबंधित करता है."
राहुल गांधी ने आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि, "वनवासी शब्द के अर्थ के मुताबिक, यह इस बात से इनकार करता है कि आप भारत के मूल मालिक हो और आपको जंगलों में रहने के लिए प्रतिबंधित करता है. उन्होंने कहा कि यह शब्द कहता है कि आप जंगलों से जुड़े हैं और आप जंगल कभी नहीं छोड़ सकते. यह हमारे लिए बिल्कुल स्वीकार करने लायक नहीं है. हम इस शब्द को स्वीकर नहीं करते."
राहुल गांधी ने मणिपुर को लेकर कही ये बात
बता दें कि शनिवार को भी राहुल गांधी ने कलपेट्टा में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मणिपुर के हालातों को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि 19 साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने कभी ऐसा नहीं देखा. बता दें कि मोदी सरनेम मानहानि मामले में इसी साल गुजरात की एक कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. जिसके चलते उन्हें संसद सदस्यता से निलंबित कर दिया गया और उनका सरकारी बंगला भी खाली करा दिया गया था. लेकिन 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी. इसके बाद 7 अगस्त को राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल कर दी गई.