नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने सीधे नाम लिए बिना आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान “चौकीदार जागता रहा, लेकिन चोरी देखता रहा और चोरों को बचाता रहा।” यह टिप्पणी राहुल गांधी ने एक दिन पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर “लोकतंत्र को कमजोर करने वालों की रक्षा करने” के आरोप के बाद की।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक 36 सेकेंड का वीडियो भी साझा किया, जिसमें उन्होंने कथित “वोट चोरी” की प्रक्रिया दिखाने का दावा किया। वीडियो में उन्होंने बताया कि कैसे कुछ मतदाता सुबह चार बजे उठकर 36 सेकेंड में वोट हटा देते हैं और कोई रोक नहीं पाता।
उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि देश के युवा, छात्र और जनरेशन जेड संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेंगे तथा वोट चोरी रोकेंगे। उन्होंने लिखा कि वह हमेशा उनके साथ खड़े हैं।
राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता के बाद कर्नाटक की सीआईडी पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ होने वाली कथित धोखाधड़ी की जांच रोक दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने सबूतों को रोक दिया, जिससे 6,018 वोट डिलीट हो सकते थे और कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव हार सकते थे।
चुनाव आयोग ने आरोपों का किया खंडन
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी की टिप्पणियों को तुरंत खारिज कर दिया। आयोग ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि किसी भी मतदाता के वोट को ऑनलाइन हटाना संभव नहीं है। वोट विलोपन के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है और किसी को भी बिना सुनवाई के वोट हटाने की अनुमति नहीं है।
आयोग ने यह भी बताया कि कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में 2023 के चुनाव में कुछ मतों को हटाने का असफल प्रयास हुआ था, जिसकी जांच पहले ही पूरी कर ली गई है। चुनाव आयोग ने इसे एक पुराना मामला बताया और कहा कि राहुल गांधी के आरोप मुख्य चुनाव आयुक्त की छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से लगाए गए हैं।