चुनाव आयोग द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यह चुनाव आयोग (ECI) का डेटा है, न कि उनका व्यक्तिगत। उन्होंने कहा कि यह डेटा आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसे कोई भी देख सकता है। राहुल ने इस पूरे विवाद को मुद्दे से ध्यान भटकाने वाला बताया और कहा कि यह समस्या सिर्फ बेंगलुरु तक सीमित नहीं है, बल्कि कई अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी सामने आई है।
देश की आत्मा की रक्षा के लिए संघर्ष
राहुल गांधी ने आगे कहा कि भारत के लोकतंत्र की स्थिति चिंताजनक है। 300 सांसदों ने मिलकर चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट सौंपना चाही, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग इस बात से घबराए हुए हैं। राहुल ने कहा कि यह संघर्ष अब केवल राजनीतिक विवाद नहीं रह गया है, बल्कि संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत की रक्षा के लिए है। उन्होंने इसे देश की आत्मा की लड़ाई बताया।
राहुल के वोट चोरी के आरोप
राहुल गांधी ने कर्नाटक में स्पष्ट रूप से कहा कि वहां ‘मल्टीपल मैन, मल्टीपल वोट’ की घटना हुई है और पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर सख्ती से खड़ा है। उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ दिन पहले राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि एक ही वोटर के नाम कई जगह वोटर लिस्ट में दर्ज हैं और कई लोगों ने डबल वोटिंग भी की है। उन्होंने बताया कि बैंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक वोट चोरी हुए हैं, जिसमें एक महिला ने दो बार मतदान किया।
चुनाव आयोग का नोटिस
इसके बाद कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल गांधी को उन दस्तावेजों और प्रमाणों की मांग की, जिनके आधार पर उन्होंने दो बार मतदान करने वाले व्यक्ति का दावा किया था। नोटिस में कहा गया है कि राहुल गांधी को वह सभी दस्तावेज उपलब्ध कराना होंगे ताकि मामले की जांच की जा सके।
डीके शिवकुमार का बयान
इस मुद्दे पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि चुनाव आयोग का नोटिस उन्हें अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि आयोग को केस दर्ज करने दिया जाए। डीके ने यह भी कहा कि वे देश की जनता की आवाज़ हैं और व्यापक शोध के बाद ही जनता को यह जानकारी दी गई है।
विपक्ष ने वोट चोरी के खिलाफ किया प्रदर्शन
इस मुद्दे को लेकर सोमवार को विभिन्न विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के कार्यालय तक संसद से पैदल मार्च निकाला। इस मार्च का नेतृत्व कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने किया। करीब 300 विपक्षी सांसद इस प्रदर्शन में शामिल हुए। विपक्ष का कहना था कि यह विरोध मतदाता सूची में गड़बड़ी और फर्जी वोटरों के मुद्दे को उजागर करने के लिए है, जिसे वे लोकतंत्र और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत पर हमला मानते हैं।