इन दिनों वंदे भारत ट्रेन यात्रियों की सबसे लोकप्रिय और पसंदीदा ट्रेन बनी हुई है। कई राज्यों में यह ट्रेन संचालित हो रही है। लेकिन आए दिन ट्रेनों पर पत्थरबाजी करने के मामले सामने आ रहे है। हाल ही में भी दो जगह पत्थरबाजी की घटनाएं हुई। इनमें दोनों जगह ट्रेनों के शीशे पर पत्थर फेंके गए। हालांकि इससे किसी के चोट लगने की सूचना नहीं है। पिछले पांच सालों में इन के ट्रेनों क्षतिग्रस्त होने की करीब 50 घटनाएं हो चुकी है। इन्हें रोकने के लिए भारतीय रेलवे भी लगातार प्रयास कर रहा है।  

देश में 102 वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं, जो 100 रूटों पर दौड़ती। ये विभिन्न राज्यों के 280 से अधिक जिलों को जोड़ती हैं। इन ट्रेनों में पत्थरबाजी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में रेलवे कई रुट्स पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं, जहां पर एक बार से अधिक घटनाएं हुई हैं। इनमें से ज्यादातर घटनाएं ग्रामीण इलाकों में हुई हैं। हाल ही में रेलवे की तरफ से पिछले वर्ष का एक आंकड़ा जारी किया था। इसके अनुसार वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक केवल पत्थरबाजी की वजह से रेलवे को करीब 56 लाख का नुकसान हुआ है।

इसके बाद भी इन घटनाओं में कमी नहीं आई है। 15 लाख रुपये प्रति वर्ष पत्थरबाजी से टूट-फूट शीशे की मरम्मत में खर्च होते हैं।इस तरह अब तक करीब 70 लाख रुपये का रेलवे को पत्थरबाजी के चलते नुकसान हुआ है। हालांकि रेलवे ने ऐसे मामलों में कार्रवाई करते हुए 150 से अधिक लोगों को पकड़कर उन पर कार्रवाई भी की है। रेलवे की संपत्ति को किसी तरह से नुकसान पहुंचाने पर दोषी पाए जाने पर रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 151 के तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें अधिकतम पांच वर्ष की सजा और जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है।

घटनाएं रोकने के लिए रेलवे ने किए ये काम
रेलवे का कहना है कि, रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में मौजूदा कानून बने हैं। इन्हीं के तहत शरारती तत्वों पर कार्रवाई की जा रही है। पत्थरबाजी की घटनाओं में सबसे बड़ी चुनौती आरोपी को पहचानने की होती है। लेकिन यह काम स्थानीय पुलिस की मदद से किया जाता है। भारतीय रेलवे ने जिन रूटों पर ट्रेनों में पत्थरबाजी की घटनाएं पाई जाती हैं, वहां पर नियमित रूप में गश्त की जाती है। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों या स्पॉट पर शराबी और शरारती तत्वों जैसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ रेलवे द्वारा अभियान चलाया जाता है और पकड़े गए व्यक्तियों पर मुकदमा चलाया जाता है।