कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सेना को लेकर दिए गए बयान ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। बिहार के कुटुंबा में एक सभा में राहुल गांधी ने कहा कि देश की सेना में 10 प्रतिशत लोगों का ही प्रतिनिधित्व है, जबकि बाकी 90 प्रतिशत हिस्सा खास वर्ग के हाथों नियंत्रित हो रहा है।

इस बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हमारी सेना का एक ही धर्म है और वह है ‘सैन्य धर्म’। हमारी सेना को राजनीति में न घसीटा जाए। जब भी देश संकट में रहा है, हमारे सैनिकों ने बहादुरी और पराक्रम से भारत का नाम रोशन किया है।”

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि जाति और धर्म के आधार पर राजनीति करने से देश को नुकसान होता है। उन्होंने सभी समाज वर्गों के विकास और उत्थान की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी वर्ग के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।

बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने “शहरी नक्सली की भाषा” बोलते हुए सेना का मनोबल गिराया। शाहनवाज़ ने कहा, “राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए, जनता इसे कभी नहीं भुलाएगी।”

राहुल गांधी ने अपने भाषण में सेना के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी सामाजिक असमानता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश की 500 बड़ी कंपनियों में दलित, अति पिछड़े, महादलित, अल्पसंख्यक और आदिवासी वर्ग के प्रतिनिधि लगभग नहीं हैं। राहुल ने कहा, “सारे बैंक संसाधन, नौकरियां और प्रमुख नेतृत्व पद मुख्य रूप से कुछ विशेष वर्गों के हाथ में हैं। इससे व्यापक असमानता और अन्याय की तस्वीर सामने आती है।”