राजनाथ ने सागर परिक्रमा पर निकली नौसेना की महिला अधिकारियों से बात की

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘नविका सागर परिक्रमा II’ (NSP II) की महिला नौसेना टीम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. यह दो महिला नौसेना अधिकारियों की एक खास समुद्री यात्रा है, जिसमें वे नाव से पूरी दुनिया का चक्कर लगा रही हैं.

इस बातचीत के दौरान रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की सराहना की और उनकी मेहनत और साहस की तारीफ की. रक्षा मंत्री ने टीम की हिम्मत और समर्पण की प्रशंसा की, जिन्होंने इस कठिन समुद्री यात्रा को पूरा करने का फैसला किया है.

उन्होंने टीम को दो बड़े कारनामों के लिए बधाई दी प्वाइंट नीमो पार करना, जो दुनिया का सबसे अलग-थलग समुद्री क्षेत्र है. ड्रेक पैसेज पार करना, जो सबसे खतरनाक समुद्री रास्तों में से एक है.

राजनाथ सिंह ने महिला नौ सेना अधिकारियों को बधाई दी

राजनाथ सिंह ने सोशल साइट एक्स पर लिखा, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर, मैंने नाविका सागर परिक्रमा II के अद्भुत दल से बातचीत की। INSV तारिणी पर सवार होकर दुनिया भर की यात्रा करने की चुनौती का सामना करते हुए उनकी साहसी यात्रा नारी शक्ति की एक मिसाल है. हजारों समुद्री मील की यात्रा करते हुए, कठिन समुद्री परिस्थितियों के दौरान उनकी अटूट दृढ़ता, शांत व्यवहार और सावधानीपूर्वक दृष्टिकोण आज महिलाओं की असाधारण क्षमताओं का उदाहरण है.

उन्होंने कहा कि एक गौरवशाली राष्ट्र के रूप में, हम उनकी अद्वितीय उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं और इस उल्लेखनीय अभियान के सफल समापन के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं.

नविका सागर परिक्रमा II (NSP II) क्या है?

यह भारतीय नौसेना की एक खास पहल है, जिसमें दो महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए नाव से पूरी दुनिया का चक्कर लगा रही हैं. इस अभियान का मकसद समुद्री और रक्षा क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है.

इस यात्रा के लिए दोनों महिला अधिकारियों ने नेविगेशन, मौसम प्रबंधन और समुद्र में जिंदा रहने और तमाम तरह के हालातों से निपटने के लिए कड़ी ट्रेनिंग ली। इस ऑपरेशन को 2 अक्टूबर 2024 को गोवा से शुरू किया गया था.

अभी यह टीम चौथे चरण में है और 1 अप्रैल 2025 को दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन पहुंचेगी. पूरी यात्रा 23,400 नॉटिकल मील (43,300 किमी) की होगी और यह मई 2025 के अंत में गोवा में खत्म होगी.

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